
MP HC Jabalpur
याचिकाकर्ता सुशील कुमार शर्मा ने जेल प्रहरी की भर्ती के लिए आवेदन किया था। लेकिन एमपी व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड और रोजगार निदेशालय ने उसे इस आधार पर प्रक्रिया से बाहर कर दिया कि उसका रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन नहीं है। इससे दुखी याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोहराया कि सार्वजनिक रोजगार के लिए रोजगार कार्यालय में लाइव रजिस्ट्रेशन आवश्यक नहीं है, भले ही ऐसा प्रतिबंध संबंधित विज्ञापन में स्पष्ट रूप से दिया गया हो।
पीठ ने कहा कि राम सिंह धुर्वे बनाम मध्य प्रदेश राज्य एवं अन्य (2021) मामले में फैसले के बाद इस मामले में विवादास्पद प्रश्न अब एकीकृत नहीं रह गया। प्रतिवादी अधिकारियों ने यह कहकर उम्मीदवारी की अस्वीकृति का बचाव किया कि उसका रोजगार कार्यालय में कोई वैध रजिस्ट्रेशन नहीं था। उत्तरदाताओं ने आगे तर्क दिया कि योग्यता के लिए रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन आवश्यक आवश्यकता है। राम सिंह धुर्वे मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पहले माना था कि 'रोजगार कार्यालय के साथ लाइव रजिस्ट्रेशन' की आवश्यकता आवश्यक नहीं है, भले ही विज्ञापन में ऐसी शर्त का उल्लेख किया गया हो, यह अप्रासंगिक होने के साथ-साथ गैरकानूनी भी है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की नियुक्ति के मामले में निर्णय लेने के आदेश दिए।
Published on:
21 Nov 2023 11:34 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
