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जबलपुर। आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती परीक्षा में 87:13 फार्मूले के तहत दी गई नियुक्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। न्यायाधीश संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने मप्र लोक सेवा आयोग से इस संबंध में जवाब मांगा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 अप्रेल को महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को आवश्यक रूप से उपस्थित रहने कहा है।
दरअसल आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी परीक्षा 2021 के रिजल्ट में विसंगति को लेकर भोपाल निवासी स्मिता पटेल, सागर निवासी सुरेंद्र कुमार विश्वकर्मा सहित अन्य की ओर से याचिका दायर की गई है। सभी याचिकाकर्ता आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी 2021 में मेरिटोरियस अभ्यर्थी हैं। याचिकाकर्ताओं के मुख्य परीक्षा में अधिक प्राप्तांक हैं, जिससे इनका चयन मुख्य चयन सूची में किया गया। अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह सहित अन्य की ओर से बताया गया कि साक्षात्कार के समय लोक सेवा आयोग द्वारा अवैधानिक रूप से याचिकाकर्ताओं से अभिवचन पत्र पर हस्ताक्षर करवाया गया। इससे इनका मेरिट के आधार पर चयनित होने का संवैधानिक अधिकार प्रभावित हो गया। 87:13 के फॉर्मूले के चलते ये अभ्यर्थी मेरिट में होने के बावजूद दावा नहीं कर पाएंगे।
हाईकोर्ट ने भाजपा विधायक के निर्वाचन को चुनौती पर मांगा जवाब
मप्र हाईकाेर्ट के न्यायाधीश विशाल धगट की एकपीठ ने भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट से निर्वाचित भाजपा विधायक भगवान दास सबनानी के निर्वाचिन को चुनौती संबधी याचिका पर जवाब-तलब किया है। एकलपीठ ने सबनानी सहित अन्य को नोटिस जारी किए हैैं।
याचिकाकर्ता कांग्रेस की टिकट पर पराजित प्रत्याशी पीसी शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा, वैभव दुबे व अन्य ने पक्ष रखा। बताया गया कि विधानसभा चुनाव में इवीएम की कार्यप्रणाली कठघरे में थी। याचिकाकर्ता 15 हजार 833 वोटों के अंतर से पराजित हुआ। उनका आरोप है कि निर्वाचन कार्य में संलग्न राज्य मशीनरी के अधिकारियों ने इवीएम मशीनों में छेड़छाड़ की है। मतगणना के दौरान अधिकांश इवीएम मशीनों में बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज इंगित कर रही थी। मतगणना सीसीटीवी में दर्ज हुई। लेकिन फुटेज याचिकाकर्ता को प्रदान नहीं किए गए।
Published on:
09 Apr 2024 08:16 pm
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