सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों पर हाईकोर्ट ने मांगा ब्यौरा
जबलपुरPublished: Oct 23, 2020 08:47:55 pm
डिवीजन बेंच ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को कितने लम्बित, कितनों में स्थगन संबंधी जवाब के लिए दी मोहलत
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने पूछा कि वर्तमान व पूर्व सांसदों और विधायकों के हाईकोर्ट में कितने मामले लंबित हैं? विशेषत: उन मामलों की जानकारी दी जाए जिनमे स्थगन आदेश जारी किए गए हैं? एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव व जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवम्बर को नियत की।
यह है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितम्बर 2020 को सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से कहा था कि वे उनके यहां लंबित ऐसे आपराधिक मामलों को तत्काल सुनवाई के लिए उचित पीठ के समक्ष लगाएं। विशेषकर जिन मामलों में कोर्ट ने रोक आदेश जारी कर रखा है, उनमें पहले यह देखा जाए कि रोक जारी रहना जरूरी है कि नहीं। अगर रोक जारी रहना जरूरी है, तो उस मामले को रोजाना सुनवाई करके दो महीने में निपटाया जाए। इसमें कोई ढिलाई न हो।
हाईकोर्ट गठित करे कमेटी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीशगण यह भी विचार करें कि जिन मुकदमों की सुनवाई तेजी से चल रही है, उन्हें दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की जरूरत है कि नहीं या ऐसा करना उचित होगा कि नहीं। मुख्य न्यायाधीशों से कहा कि वे एक पीठ गठित करें, जो सांसदों-विधायकों के लंबित मुकदमों के निपटारे की प्रगति की निगरानी करे। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश स्वयं और उनके द्वारा नामित न्यायाधीश शामिल होंगे। इसी आदेश के तारतम्य में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर यह याचिका दर्ज की। केंद्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल जेके जैन व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव के साथ उपमहाधिवक्ता आशीष आनन्द बर्नार्ड व हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अधिवक्ता बीएन मिश्रा उपस्थित हुए।