योजना के तहत प्रदेश भर के एड्स पॉजिटिव लोगों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। इस योजना से वे लोग ही जुड़ पाएंगे जो शारीरिक रूप से सक्षम हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने तय किया है कि एचआइवी पॉजिटिव की पहचान नहीं छिपाई जाएगी पर उनकी बीमारी का जिक्र कहीं नहीं होगा। सामान्य व्यक्ति की तरह वह मनरेगा में काम करते रहेंगे। जिला पंचायत और स्वास्थ्य विभाग मिलकर ग्राम पंचायतों में एक अभियान चलाएंगे जिसमें ऐसे एचआइवी व्यक्तियों की खोज होगी जो इस बीमारी से पीड़ित हैं और वह बेरोजगार हैं। अभियान के तहत सूची तैयार होगी इसके बाद बेरोजगार एचआइवी पीड़ित व्यक्ति का जॉब कार्ड और फिर काम दिया जाएगा। यहां बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 550 एचआइवी पीड़ित हैं।
“विभाग के निर्देश मिलते ही जिला सीईओ को निर्देश भेजे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की मदद लेकर सूची तैयार की जाएगी जिसमें एचआइवी पॉजिटिव व्यक्तियों को मनरेगा से काम दिया जाएगा।”–प्रियंक मिश्रा, सीईओ, जिला पंचायत
“अच्छी पहल है इसके लिए जिला पंचायत की हर संभव मदद की जाएगी। सर्वें किया जाएगा जिसमें पीड़ितों की खोज की जाएगी।”-डॉ. नमिता पाराशर, प्रभारी, एआरटी सेंटर मेडिकल कॉलेज