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जबलपुर. 30 जून तक वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन और निर्माण लागत की दर लागू रहने से लोगों को फायदा हो सकता है। इस अवधि में यदि कोई व्यक्ति फ्लैट या मकान खरीदता है तो उसे स्टांप ड्यूटी कम देनी पडेग़ी। एक जुलाई से निर्माण लागत में 33 फीसदी का इजाफा होना है। वाणिज्यिक कर विभाग ने कोरोना संकट के बीच हुई आर्थिक स्थिति के कारण इसमें छूट दे रखी है। यही कारण है कि जिले में रोजाना रजिस्ट्री की संख्या बढ़ रही है।
मौजूदा समय में प्लॉट या मकान की रजिस्ट्री करवाने पर लोगों को करीब 10 फीसदी स्टाम्प डयूटी और 2.50 प्रतिशत रजिस्टे्रशन शुल्क देना पड़ता है। रजिस्टे्रशन शुल्क वैसे 3 फीसदी है लेकिन अभी इसे ढाई फीसदी कर दिया गया है। इसलिए रजिस्ट्री करवाना पहले की तुलना में थोड़ा सस्ता पड़ रहा है। इसी प्रकार निर्माण लागत भी वर्ष 2019-20 की लागू होने से मकान निर्माता नई दरों से निर्माण लागत नहीं लेगा। इसमें व्यक्ति को फायदा हो सकता है।
पिछले साल घटी थी दर
जिले के हर इलाके में कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार निर्माण लागत की दर भी अलग-अलग है। पहले आरसीसी की निर्माण लागत 10 रुपए प्रति वर्गमीटर थी तो उसे पिछले साल घटाकर 8 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया गया था। यानि उसमें लगभग 20 फीसदी की कटौती हो गई थी। लेकिन शासन आगामी जुलाईमाह से इसमें बढ़ोत्तरी करेगा। ऐसें में यह 10 से 12 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर हो सकती है। यह बढ़ती है तो बने बनाए मकान की कीमत भी बढ़ जाएगी। ऐसें में ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी चुकानी पड़ेगी है। जानकारों का कहना है कि अभी यदि सौदे होते हैं तो उसमें फायदा मिल सकता है।
मकान की ज्यादा रजिस्ट्री
अभी मकान और प्लॉट दोनों की रजिस्ट्री तेज हो गई हैं। रोजाना यह संख्या 100 के करीब पहुंच रही है। लॉकडाउन में मिली छूट के बाद 550 से ज्यादा रजिस्ट्री जिले में हो गई हैं। रजिस्ट्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार इसमें ज्यादा रजिस्ट्री बने बनाए मकानों की हो रही है।
शासन ने रजिस्ट्री के नियमों में राहत दे रखी है। रजिस्टे्रशन फीस 3 की जगह ढाई प्रतिशत ली जा रही है। 30 जून तक पुरानी गाइडलाइन और निर्माण लागत की दर लागू है। इसका फायदा लोगों को हो रहा है। रजिस्ट्री की संख्या भी बढ़ी है।
निधि जैन, जिला पंजीयक
Published on:
31 May 2020 07:44 pm
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