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३३ साल से अलग रह रहे पति-पत्नी , अब नहीं चल सकता घरेलू हिंसा का मुकदमा

जिला अदालत ने कहा     जिला अदालत ने एक अहम फैसले में कहा कि पति-पत्नी ३३ साल से अलग रह रहे हैं, एेसी दशा में पति के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत प्ररकण प्रचलन योग्य नहीं है। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अंजली शाह की कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ में लागू हुआ। इसके पूर्व का मामला इस अधिनियम के तहत मंजूर नहीं किया जा सकता। इस मत के साथ कोर्ट ने डिंडोरी निवासी महिला की पति के खिलाफ दायर अर्जी निरस्त कर दी।

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Court verdict: one month imprisonment for molesting woman

Court verdict: one month imprisonment for molesting woman

जबलपुर. जिला अदालत ने एक अहम फैसले में कहा कि पति-पत्नी ३३ साल से अलग रह रहे हैं, एेसी दशा में पति के खिलाफ घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत प्ररकण प्रचलन योग्य नहीं है। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अंजली शाह की कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम २००५ में लागू हुआ। इसके पूर्व का मामला इस अधिनियम के तहत मंजूर नहीं किया जा सकता। इस मत के साथ कोर्ट ने डिंडोरी निवासी महिला की पति के खिलाफ दायर अर्जी निरस्त कर दी।

चंदा देवी सोनी ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत आवेदन पेश कर कहा कि उसका विवाह डिंडोरी जिले के समनापुर निवासी दिनेश सोनी से १९७९ ूमें हुआ। विवाह के बाद से ही उसके साथ ससुराल में मारपीट की जाने लगी। अंतत: १९८६ में दोनो अलग हो गए। उनके दो बच्चियां है, दोनो विवाहित हैं। इसके बावजूद पति दिनेश उनसे मारपीट करता है। अनावेदक पति दिनेश की ओर से अधिवक्ता वेदप्रकाश नेमा ने कोर्ट को बताया कि आवेदिका ने पति से अलग होने के बा कटनी के सेंट्रल बैंक में कार्यरत राजकुमार दुबे से विवाह कर लिया। वह अपने पति से ३३ साल से अलग रह रही है। दोनो के बीच किसी प्रकार का संबंध अब शेष नहीं है। इसके अलावा आवेदिका ने घरेलू हिंसा अधिनियम लागू होने के पहले की घटना के आधार पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की है, जो भूतलक्षी है। इसकी अनुमति कानून नहीं देता। तर्क से सहमत होकर कोर्ट ने आवेदन निरस्त कर दिया।