जबलपुरPublished: Jan 01, 2021 08:37:53 pm
shyam bihari
जबलपुर में भी बीता साल वर्चुअल सुनवाई के नाम रहा
हाईकोर्ट का बड़ाआदेश – एक अप्रैल से बिना एडवोकेट रोल के नहीं स्वीकार होगा वकालतनामा
जबलपुर। वर्ष-2020 प्रदेश के न्यायिक जगत के लिए खासा परेशानी भरा रहा। 17 मार्च 2020 से हाइकोर्ट सहित सूबे की सभी अदालतों में भौतिक सुनवाई बंद हो गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल कोर्ट शुरू की गई, जो साल के आखिरी दिन तक चलती रही। दिसम्बर में हाइकोर्ट ने प्रायोगिक रूप से फाइनल हियरिंग के मामलों की सप्ताह में एक दिन भौतिक सुनवाई आरम्भ कर दी। यह व्यवस्था अब तक सफल रही है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही अदालतों में पहले के जैसे भौतिक सुनवाई होती दिखाई देगी। वर्ष-2021 में वकीलों को अपने व्यवसाय पर आया संकट दूर होने की उम्मीद दिख रही है।
आठ माह बाद आसंदी के सामने वकील
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर और जिला अधिवक्ता संघ, जबलपुर की ओर से भौतिक सुनवाई की मांग की जा रही थी। हाईकोर्ट प्रशासन ने तीन दिसम्बर से हर सप्ताह एक दिन भौतिक सुनवाई की व्यवस्था दी। इसे प्रायोगिक चरण माना जा सकता है। इसे आगे बढ़ाने की उम्मीद है। हाईकोर्ट ने अपने अधीन आने वाली जिला व कुटुंब अदालतों को 23 नवम्बर 2020 से पांच दिसम्बर 2020 तक अदालतों को सामान्य रूप से संचालित करने के आदेश दिए। इस दौरान किसी प्रकार की कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी। इसलिए आदेश को आगे बढ़ाते हुए 14 दिसम्बर से जिला अदालतों में भौतिक सुनवाई शुरू कर दी गई।
वकीलों का व्यवसाय लौटेगा पटरी पर
कोरोना में भौतिक सुनवाई बंद होने से पक्षकारों का अदालत आना बंद हो गया। पुराने आपराधिक मामलों में पेशियां भी बढ़ा दी गईं और सुनवाई नहीं हुई। इसके चलते वकीलों की आमदनी ठप हो गई। जिला अदालतों में भौतिक सुनवाई शुरू होने से वकीलों को कुछ राहत मिली है। नए साल में हाइकोर्ट में भी भौतिक सुनवाई की व्यवस्था बहाल होने की उम्मीद के साथ वकीलों को अपना व्यवसाय भी पटरी पर लौटने की आशा है।