ट्रायल व अपीलेट कोर्ट के पूर्व आदेश रखे यथावत
हाईकोर्ट ने चेक बाउंस के आरोपी डॉक्टर को जेल भेजने का सुनाया आदेश
जबलपुर निवासी स्नेहलता अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार खरे ने इस आपराधिक पुनरीक्षण याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी डॉ. रमेश चंद्र गुप्ता ने अनावेदक पोलीपाथर, जबलपुर निवासी स्नेहलता अग्रवाल से क्लिीनिक बनाने के लिए उधार लिया था। 2 लाख 50 हजार का उधार काफी समय तक नहीं चुकाया गया। मांग करने पर काफी परेशान करने के बाद तीन चेक दिए गए, लेकिन जब चेक बैंक में प्रस्तुत किए गए तो बाउंस हो गए। क्योंकि जारी किए गए चेक बंद हो चुके खाते से सम्बंधित थे। जब मौका देने के बावजूद डॉ. गुप्ता ने राशि नहीं लौटाई तो अधिवक्ता के जरिए लीगल नोटिस भेजा गया। उसका भी कोई नतीजा न निकलने पर अदालत में चेक बाउंस का केस दायर किया गया। ट्रायल कोर्ट ने डॉ. गुप्ता को एक लाख 59 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश सुनाया।
आदेश का पालन करने के स्थान पर ट्रायल कोर्ट के आदेश को अपील के जरिये चुनौती दे दी गई। वह अपील भी खारिज हो गई। अपीलेट कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के पूर्व आदेश का पालन करने का आदेश सुनाया। इतने पर भी डॉ. गुप्ता ने ट्रायल व अपीलेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट में यह पुनरीक्षण याचिका दायर कर दी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिकाकर्ता को जेल भेजने का निर्देश दिया।