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एमपी गजब है…..फारेस्ट गार्ड का एक पद, तबादला किए बगैर कर दिए दो पदस्थ

हाईकोर्ट पहुंचा मामला, 30 दिन में शिकायत का निराकरण करने के दिए निर्देश

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जबलपुर। एक पद होने के बाद भी दो फारेस्ट गार्ड पदस्थ किए जाने को लेकर दायर याचिका को हाई कोर्ट ने इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि शिकायत दूर होने तक याचिकाकर्ता को वर्तमान जगह पर ही पदस्थ रखा जाए। याचिकाकर्ता की शिकायत 30 दिन के भीतर नियमानुसार निराकृत की जाए। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

यह है मामला
याचिकाकर्ता नोहटा दमोह निवासी राशिद कुरैशी की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने दलील दी कि याचिकाकर्ता नोहटा दमोह बीट में फारेस्ट गार्ड बतौर पदस्थ है। वहां फारेस्ट गार्ड का महज एक पद है। इसके बावजूद बिना उसका कहीं और स्थानांतरण किए पवन सिंह ठाकुर को नोहटा दमोह स्थानांतरित कर दिया गया है। इस रवैये के विरुद्ध सक्षम प्राधिकारी को अभ्यावेदन दिया गया। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसीलिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

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निलंबित पंचायत सचिव की शिकायत 60 दिन में दूर करें

हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने रीवा निवासी अरविंद मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला पंचायत सीईओ को 60 दिन के भीतर शिकायत दूर करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता नेे दलील दी कि वित्तीय अनियमितता के आरोप में याचिकाकर्ता को 2020 में निलंबित कर दिया गया था। निलंबन अविध में उसे नई गढ़ी में सम्बद्ध कर दिया गया। लेकिन दो वर्ष गुजरने के बावजूद आरोप-पत्र नहीं दिया गया। इस वजह से वह असमंजस की स्थिति में है।