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जबलपुर

दूध का बड़ा उत्पादक है जबलपुर, करें नई शुरुआत तो लेगा उद्योग का आकार

क्षेत्र की जलवायु दुग्ध उत्पादन के लिए है अनुकूल, लॉकडाउन में मजदूर हुए हैं सुलभ, बदली हैं स्थितियां

जबलपुरJun 01, 2020 / 08:19 pm

Sanjay Umrey

milk

milk and ghee production

जबलपुर। चारों ओर नदियों के बेसिन से समृद्ध जबलपुर दूध का बड़ा उत्पादक है। यहां की जलवायु डेयरी उद्योग के अनुकूल होने और पर्याप्त मात्रा में चारा-पानी उपलब्ध होने से जिले में अच्छी गुणवत्ता का दूध मिल रहा है। नागपुर समेत अन्य शहरों को भी बड़ी मात्रा में दूध भेजा जाता है। लॉकडाउन में स्थितियां दुग्ध व्यवसाय के अनुकूल बनी हैं। यदि प्रशासन की तरफ से आम लोगों को भी मदद मिले, तो शहर में दुग्ध उद्योग आकार ले सकता है। इससे शहर में वृहद स्तर पर सह दुग्ध उत्पाद बनेंगे। रोजगार के अवसर बढऩे से युवाओं को भी काम मिलेगा।
डेयरी संचालक खली, चुनी, चोकर, मक्का दाना सहित अधिकतर पशु आहार महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, कटनी, सिवनी, मंडला, गाडरवारा से मंगवाते हैं। लॉकडाउन के दूसरे और तीसरे चरण के दैरान खली, चुनी, चोकर की आपूर्ति नहीं होने से डेयरियां में पशुओं के आहार की कमी हो गई थी। हालांकि अब उपलब्धता सामान्य हो रही है।
आपूर्ति ठप
स्थानीय स्तर पर शहर में प्रतिदिन तीन लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। इसमें से ढाई लाख लीटर दूध की खपत नगर में हो जाती है। 50 हजार लीटर दूध नागपुर व अन्य शहरों में भेजा जाता है। लॉक डाउन के कारण दूसरे शहरों में सप्लाई नहीं हो पा रही थी। ऐसे में नगर स्थित तीन कलेक्शन सेंटर में दूध खरीदा जा रहा था। सामान्य दिनों में कलेक्शन सेंटर में 7.10 रुपए की दर से प्रति फै ट दूध खरीदा जाता है। लॉकडाउन के दौरान इसकी कीमत 4.50 रुपए प्रति फै ट दूध हो गई। इससे डेयरी संचालकों को नुकसान हो रहा है।
इस सम्बंध में डेयरी एसोसिएशन के सदस्य दिनेश पटेल ने बताया कि पशुपालक स्वयं के प्रयासों से डेयरी का संचालन कर रहे हैं। जिले की स्थितियां दूध उत्पादन के अनुकूल हैं। यदि ठोस प्रयास किए जाएं तो यहां दुग्ध उद्योग आकार ले सकता है। इससे दूध के सह उत्पाद बनेंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
ये है स्थिति
600 डेयरी हैं जिले में
200 बड़ी और 400 छोटी डेयरी
03 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है
2.5 लाख लीटर है
स्थानीय खपत
50 हजार लीटर दूध नागपुर सहित अन्य शहरों मेें भेजा जाता है
जीवनदायिनी नर्मदा नदी में डेयरियों की गंदगी मिलने से रोकने के लिए शुरू हुआ बोरी बंधान
जीवनदायिनी नर्मदा में डेयरियों की गंदगी मिलने से रोकने के लिए जमतरा में बोरी बंधान का काम शुरू किया गया है। तिलहरी, जमतरा के आसपास संचालित डेयरियों का गोबर और गंदा पानी नर्मदा में मिलने से नदी में प्रदूषण बढऩे का खतरा बना है। जिसके मद्देनजर सम्भागायुक्त और नगर निगम के प्रशासक महेश चंद्र चौधरी ने बोरी बंधान कराने का निर्देश दिया था। रविवार को नगर निगम आयुक्त आशीष कुमार ने नदी में डेयरियों का गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए कराए जा रहे बोरी बंधान के कार्यों का निरीक्षण किया। सम्बंधित अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाकर जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने डेयरी संचालकों को गंदे पानी की निकासी के लिए अलग से व्यवस्था करने निर्देशित किया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारी भूपेंद्र सिंह, सम्भागीय अधिकारी विजय वर्मा, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक पोला राव मौजूद थे।

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