
इन पर भी निर्भरता
-287 एमएलडी पानी की प्लांट से जलापूर्ति
-50 एमएलडी के लगभग के नए प्लांट की आवश्यकता फोटो
प्रभाकर मिश्रा@जबलपुर. शहर में बड़ी आबादी पेयजल के लिए भूगर्भीय जल पर निर्भर है। नगर की तीस प्रतिशत के लगभग आबादी तक जलापूर्ति नेटवर्क भी नहीं है। ऐसे में हर घर पेयजल पहुंचाने के लिए नगर निगम नर्मदा पर चौथे जल शोधन संयंत्र का निर्माण करेगा। अमृत योजना फेस 2 के तहत वर्तमान व भविष्य की आवश्यकता को लेकर नर्मदा पर चौथा जल शोधन संयंत्र विकसित करने जल विभाग की टीम मैदानी सर्वे का काम कर रही है। इसके बाद डीपीआर तैयार की जाएगी।
ये इलाके किए जाएंगे शामिल
नगर निगम सीमा में शामिल हुए 55 गांवों से मिलकर बने 9 नए वार्डोें में जलापूर्ति के लिए नया नेटवर्क तैयार करना होगा। इनमें जल संकट का सामना करने वाले रमनगरा, संजय नगर अधारताल, महाराजपुर, सुहागी से लगा इलाका, कचनारी व आसपास का क्षेत्र, तेवर, कुगवां, तिलहरी, बिलहरी का कुछ क्षेत्र, डुमना, चकदेही, सोनपुर, पिपरिया, रिछाई से लगा इलाका समेत कई और क्षेत्र शामिल हैं। तीन स्थलों पर इंटेकवेल की संभावना जल विभाग की टीम नया जल शोधन संयंत्र स्थापित करने के लिए ऐसे स्थल पर इंटेकवेल स्थापित करने संभावना तलाश रही है जहां सालभर पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके।
जिन साइट पर संभावना है उनमें रमनगरा, लम्हेटाघाट शामिल है। वहीं अगर ललपुर में तीसरा जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाता है तो उसके लिए स्टाप डैम भी बनाना पड़ सकता है। अप्रेल के महीने से ललपुर में नर्मदा का जल स्तर कम होने लगता है। 53 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन नगर निगम में जल विभाग व राजस्व विभाग के मौजूदा आंकड़ों के अनुसार नगर में 53 प्रतिशत घरों में ही नल कनेक्शन हैं। इनमें वे इलाके भी शामिल हैं जहां जलापूर्ति नेटवर्क तो है लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने नल कनेक्शन नहीं लिया है। जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार भी शामिल हैं।
वर्जन-
शहर में 30 प्रतिशत के लगभग आबादी तक नल से जलापूर्ति के लिए नए नेटवर्क की आवश्यकता होगी। इसके लिए अमृत फेस 2 के तहत नए प्लांट का निर्माण करने की योजना पर काम चल रहा है, फाइनल सर्वे पूरा होते ही डीपीआर तैयार की जाएगी।
कमलेश श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री, नगर निगम
Published on:
18 Oct 2022 12:26 pm
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