
रिजेक्ट मास्क को दिखाते हुए महिलाएं।
जबलपुर। शहर में जीवन शक्ति योजना के तहत मास्क बनाने वाली महिलाओं की महनत का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। यह योजना मध्यप्रदेश शासन के मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई है। जिसके तहत प्रदेश में 10 हजार महिलाओं ने पंजीकरण कराया है। शहर में लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी छिन जाने की वजह से योजना के तहत 444 महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनके द्वारा तैयार मास्क को जमा करने नगर निगम को अधिकृत किया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि मास्क जमा करने पहुंच रहीं महिलाओं के मास्क निगम कर्मी स्केल से नाप कर रिजेक्ट कर रहे हैं।
25 अप्रैल 2020 को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जीवन शक्ति योजना लागू गई है। इस योजना ने जहां महिलाओं के सामने आर्थिंक तंगी की समस्या खड़ी कर दी तो वहीं उनकी मेहनत पर भी पानी फेर दिया है। दरअसल प्रत्येक पंजिकृत महिलाओं को दो-दो सौ मास्क बनाने का ऑर्डर दिया था। अब नगर निगम इन्हें मापदंड पर खरा न मानकर लेने से ही इंकार कर रहा है।
नाप और क्वॉलिटी का बहाना
नगर निगम में रोजाना दर्जनों महिलाएं दूर-दूर से तैयार किए गए मास्क जमा करने पहुंच रही हैं। यहां निगम के कर्मचारी इन मास्क को नाप और क्वॉलिटी के आधार पर रिजेक्ट कर रहे हैं। जबकि,महिलाओं का कहना है कि उक्त कर्मचारी मास्क की नपाई तक ढंग से नहीं कर रहे हैं। मास्क को फोल्ड होने के बाद नापा जा रहा है। एेसे में उसका आकार छोटा हो रहा है।
हेल्पलाइन रही हेल्पलेस
इस योजना के तहत महिलाओं की सुविधा के लिए शासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। हालांकि, यह हेल्पलाइन खानापूर्ति साबित हुई। महिआलों ने मास्क निर्माण में मार्गदर्शन पाने कई बार उक्त नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। महिलाओं का कहना है कि तैयार मास्को को निगम प्रशासन अनुचित तरीके से जांच कर उसे लेने से मना कर रहा है।
एक नजर
444 महिलाओं ने कराया रजिस्ट्रेशन
निगम ने अब तक करीब 90 महिलाओं के मास्क जमा किए
मास्क 40 जीएसएम के सूती कपड़े में होंगे
03 फोल्ड में मास्क का निर्माण आवश्यक
मास्का का आकार दो परतों में 8"×4" का तय
ये कहती हैं महिलाएं
वर्तमान परिस्थितियों को देखकर तैयार मास्को को उचित मूल्य पर निगम को लेना चाहिए। इसके साथ ही आगे के कार्य के लिए महिलाओं को मार्गदर्शन दिया जाए।
खुशबू
मास्क मापदंड के तहत होने के बाद भी रिजेक्ट किए जा रहे हैं। नगर निगम के तीन बार चक्कर लगा चुकी हूं। गलत ढंग से मास्क नाप कर रिजेक्ट कर दिए गए।
अनुश्री
संक्रमण काल में हम लोगों ने घर से निकल कर सामग्री एकत्र कर मास्क तैयार किए हैं। अब अनुचित ढंग से रिजेक्ट करना गलत है। निगम कर्मी सूती कपड़े को टेरीकॉट बता रहे हैं।
अमृता
जिम्मेदार का यह है कहना
शासन के निर्देश के बिना मास्क के मापदंड से समझौता नहीं किया जा सकता। हमारे हांथ बंधे हैं। यदि किसी को लगता है कि उनके मास्क मापदंड के तहत बने हैं तो वे दोबारा आएं। मैं, अपने सामने मास्क का परीक्षण कराऊंगा।
रोहित कौशल,अपर आयुक्त,नगर निगम
Published on:
14 May 2020 01:42 am
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