
इन कारणों से जबलपुर में मिली स्वीकृति-
-लम्हेटाघाट व छीता पहाड़ में मिले थे डायनासोर के अंडे
-करोड़ों साल पुरानी चट्टान हैं नर्मदा किनारे
-क्रोकोडाइल के लिए सबसे अनुकूल परिस्थितियां हैं परियट में
-संतुलित शिलाओं की पहाड़ी पर मौजूदगी
मदनमहल पहाड़ी पर बनेगा अर्थ पार्क-
कारण-
-पहाड़ी पर जैव विविधता
-सैकड़ों किस्म की औषधियों की मौजूदगी
-नर्मदा तट का बड़ा प्रवाह क्षेत्र मौजूद
-बीच शहर में बड़ा हरित क्षेत्र
-हिल स्टेशन के आसपास बड़े जलाशय
जबलपुर। डायनासोर के अंडे और अवशेष जिस स्थल पर मिले उन्हें देखने दुनियाभर के पर्यटक जबलपुर आएंगे। लम्हेटाघाट व छीता पहाड़ को अदद पहचान मिलेगी। मदनमहल पहाड़ी में शिलाओं का अद्भुत संतुलन, परियट में क्रोकोडाइल प्रजाति के लिए सर्वश्रेष्ठ परिस्थितियां, मानव जीवन के उद्भव व विकास के रहस्यों को खुद में समेटे नर्मदा तट की करोड़ों साल पुरानी चट्टान दुनियाभर के शोधार्थियों के शोध का विषय बनेंगी। जबलपुर में देश का पहला जियो पार्क व अर्थ पार्क बनने पर यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ही, शिक्षाधानी बनने ओर भी संस्कारधानी के कदम तेजी से बढ़ेंगे। दोनों प्रोजेक्ट के लिए सकारात्मक बात ये है की नगर निगम से लेकर राज्य और केन्द्र सरकार की भी स्वीकृति मिल चुकी है।
प्राणी संग्रहालय भी बनेगा-
अर्थ पार्क के अंतर्गत यहां प्राणी संग्रहालय भी बनेगा। जिसमें जबलपुर के प्राकृतिक धरोहरों से लेकर यहां जीवाश्मों पर आधारित संग्रह को रखा जाएगा।
एेसे हुई पहल-मदनमहल पहाड़ी से लेकर नर्मदा तटों व छीता पहाड़, खंदारी जलाशय, परियट जलाशय में मौजूद संभावनाओं को देखते हुए 'पत्रिकाÓ ने यहां जियो पार्क स्थापित करने के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। इंटेक ने भी यहां जियो पार्क बनाने की मांग उठाई। इसके बाद विधानसभा से लेकर लोकसभा में आवाज गूंजी और जबलपुर में जियो पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसी तरह से स्मार्ट सिटी योजना के तहत मदनमहल पहाड़ी पर अर्थ पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया गया।
वर्जन-
जियो पार्क वृहद अवधारणा है, इस प्रोजेक्ट के लिए लम्हेटाघाट में जमीन स्वीकृत की गई है। जियो पार्क बनने पर यहां पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगा ही, दुनियाभर के शोधार्थियों के लिए जबलपुर अध्ययन केन्द्र भी बन सकता है।
भरत यादव, कलेक्टर
Published on:
10 Oct 2019 11:42 am
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