जबलपुर के सिहौर महापंचायत के लिए स्थानीय किसान संगठन दिन-रात एक किए हैं। उनका लक्ष्य है कि इस महापंचायत में 50 हजार किसान अपने अपने ट्रैक्टर के साथ पहुंचें। यानी बड़ी तादाद में किसान जब तीनों नए कृषि कानून वापस लेने के लिए हुंकार भरेंगे। हालांकि इस महापंचायत के लिए प्रशासन की ओर से अभी तक अनुमति नहीं मिली है, बावजूद इसके किसानों के हौसले बुलंद हैं और उनका कहना है कि हर हाल में महापंचायत हो के रहेगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन को लेकर अब तक मध्य प्रदेश अब तक लगभग शांत रहा है। यह अलग बात है कि दिल्ली में धरने बैठे किसानों को समर्थन देने यहां से बड़ी मात्रा में किसान दिल्ली गए थे। लेकिन प्रदेश में अब तक प्रदेश में कोई बड़ा आंदोलन अब तक नहीं हुआ है। माना जा रहा है इसी सोच के साथ टिकैत ने मध्य प्रदेश में महापंचायत और ट्रैक्टर रैली करने का फैसला लिया है ताकि आंदोलन को गति दी जा सके।
इस बीच भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद राकेश सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन अब कमजोर पड़ना बताया है। कहा है कि कमजोर पड़ते आंदोलन को भड़काने और किसानों को गुमराह करने के लिए ही राकेश टिकैत रैली और महापंचायत करने आ रहे हैं। लेकिन वो मुगालते में हैं। उनके महापंचायत या रैली से कोई प्रदेश की जनता का कोई सरोकार नहीं रहा।