जीवन सुगमता सूचकांक का आकलन नगर निगम के द्वारा दी जाने वाली सेवाओं, प्रशासन की प्रभावशीलता, रहने के स्थान को लेकर नगरवासियों के समग्र दृष्टिकोण के आधार पर किया जाता है। इसका उद्देश्य भविष्य के विकास की योजना बनाने, नगर के विकास को गति देने, विकास योजना व उनसे पूर्ण होने की स्थिति का आकलन करने व नगरीय प्रशासन की सेवाओं को लेकर लोगों का फीडबैक जानना है।
ईज ऑफ लिविंग स्टैंडर्ड की रैंकिं ग का जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता, स्थिरता को बनाया गया। नगरवासियों से ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों ही तरीके से फीडबैक लिया गया। ऑफलाइन में नगरवासियों से सीधे बात की गई। सर्वेक्षण के लिए एसएमएस व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी सहारा लिया गया। नगर पालिका प्रदर्शन सूचकांक की रैंकिं ग भी जारी की गई। जिसमें इंदौर पहले पायदान पर रहा, जबकि सूरत दूसरे व भोपाल तीसरे पायदान पर रहा। जबलपुर इस श्रेणी मंे भी टॉप १० शहरों में जगह नहीं बना सका। नगर पालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक में पांच क्षेत्रों की सेवाओं को शामिल किया गया है। इनमें सेवा, वित्त, योजना, प्रौद्योगिकी का उपयोग व अनूकूल शासन हैं। इसके साथ ही अपशिष्ट जल प्रबंधन, स्वच्छता, बुनियादी ढांचा, राजस्व प्रबंधन, व्यय प्रबंधन, राजकोषीय जिम्मेदारी, राजकोषीय विके न्द्रीकरण, डिजिटल प्रशासन, डिजिटल पहुंच, डिजिटल साक्षरता, मानव संसाधन की भागीदारी को भी आधार बनाया गया है।