ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट सहित शहर किनारे के अन्य घाटों पर करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन और स्नान किया। सुबह से देर रात तक सभी घाटों पर भंडारों के साथ लोग मां नर्मदा को चुनरी चढ़ाने के लिए पहुंचे। ग्वारीघाट के एक से दूसरे छोर तक एक दर्जन से ज्यादा जगह चुनरी चढ़ाने वाले हजारों लोग आए। शहर के कोने कोने में मां नर्मदा की प्रतिमाएं स्थापित की गईं। सारा दिन पंडालों में भजन गूंजते रहे। शाम को ग्वारीघाट में होने वाली महाआरती का विशेष आयोजन किया गया। इस दौरान प्रशासन, पुलिस अधिकारियों के अलावा महाआरती समिति सदस्यों के साथ हजारों की संख्या में लोगों ने नर्मदा पूजन किया। लगभग एक घंटे तक चली आरती के बाद भी स्नान-ध्यान करने वालों की भीड़ आती रही।
नगर निगम की ओर से नाविकों की मदद से नदी में छोड़ी गई पूजन सामग्री को निकालने की व्यवस्था की गई थी। इससे घाटों पर गंदगी कम नजर आई। इस बार जगह-जगह छोटे डस्टबिन रखे गए थे। इसके अलावा नगर निगम के सफाई कर्मी डस्टबिन लेकर घाट एवं मार्ग का कचरा एकत्रित करते रहे। ग्वारीघाट की निचली सड़क और घाट पर किसी को भंडारा लगाने की अनुमति नहीं दी गई। वाहनों को भी नीचे तक नहीं आने दिया गया। इससे पैदल आने वाले श्रद्धालुओं को तट से लेकर सड़कों पर आवाजाही के लिए पर्याप्त जगह मिली। सुबह से रात होने तक सड़क से लेकर घाट में जाम के हालात नहीं बने।