
Madhya pradesh chunav 2018 koun jitega
जबलपुर। विधानसभा सीटों पर वोटिंग के आधार पर भी नफा-नुकसान का आकलन किया जा रहा है। हर प्रत्याशी और पार्टी के अपने तर्क और दावे हैं। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार जिले की औसत वोटिंग में ढाई प्रतिशत के लगभग इजाफा हुआ है। इस दौरान बड़े नेताओं की जहां-जहां चुनावी रैली या सभा हुई, वहां वोटिंग का पैटर्न भी अलग-अलग दिखा।
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दिग्गजों की सभास्थल के पास वाले मतदान केंद्रों पर अलग दिखा वोटिंग का पैटर्न
राहुल व शाह की सभा में भीड़ जुटाई, लेकिन मतदान प्रतिशत नहीं बढ़ा पाए
औसत से कम
जिले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का रोड-शो पश्चिम, उत्तर और पूर्व विधानसभा से निकला था। लेकिन, तीनों विधानसभाओं में जिले की औसत वोटिंग से कम मतदान हुआ। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिहोरा में सभा की। वहां भी औसत वोटिंग से कम लोग बूथ तक पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मात्र ऐसे चेहरे रहे, जिनकी आखिरी सभा का प्रभाव जिले में अधिक वोटिंग से जोड़ा जा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पनागर और चरगवां में सभा की। पनागर में औसत से अधिक वोटिंग हुई। वहीं, चरगवां में औसत वोटिंग के लगभग मतदान हुआ। पार्टी की तरफ से नवजोत सिंह सिद्धू ने गुप्तेश्वर और रांझी में दो सभाओं को सम्बोधित किया था। दोनों क्षेत्रों में औसत से कम मतदान हुआ।
अमित शाह ने सिहोरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैरिसन ग्राउंड, सीएम ने कुंडम, कटंगी, चरगवां, सुब्बाशाह मैदान, गुप्तेश्वर, गोलबाजार, रांझी में सभा की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी गोलबाजार और रांझी और दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गढ़ा रामलीला मैदान में चुनावी सभा की। कटंगी में औसत वोटिंग से अधिक मतदान हुआ। गढ़ा में सभा करने वाले मनोज तिवारी के क्षेत्र में भी औसत से अधिक वोटिंग हुई।
इवीएम के वोट और वीवीपैट की पर्चियों का होगा मिलान
मतगणना के दौरान जिले की प्रत्येक विधानसभा के एक बूथ की इवीएम के वोट और उसी बूथ की वीवीपैट मशीन की पर्चियों का मिलान किया जाएगा। इस बूथ का चयन भी लॉटरी निकालकर किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने विधानसभा क्षेत्र की अंतिम चक्र की गिनती पूरी होने के तत्काल बाद मतगणना हाल के अन्दर ही इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा है। इसकी वीडियोग्राफ ी कराई जाएगी।
आयोग के मुताबिक हर विधानसभा क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र के इवीएम पर दर्ज वोटों का वीवीपैट की पर्चियों से मिलान का यह कार्य निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक की देखरेख में तथा उम्मीदवारों अथवा उनके निर्वाचन अभिकर्ता एवं मतगणना अभिकर्ताओं की उपस्थिति में ही होगा। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतिम चक्र की मतगणना समाप्त होने के बाद उस विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्रों की संख्या के बराबर सफेद रंग के कागज पर पोस्टकार्ड आकार की पर्चियां बनाई जाएंगी। इन पर्चियों पर काले अक्षरों से मतदान केन्द्रों का नम्बर लिखा होगा जिसका आकार एक इंच गुणा एक इंच होगा।
सभी अभ्यर्थियों को देनी होगी सूचना
आयोग के मुताबिक एक बूथ के ईवीएम पर दर्ज वोटो का सत्यापन वीवीपैट की पर्चियों से करने के पूर्व रिटर्निंग अधिकारी को सभी अभ्यर्थियों को इसके लिए पूर्व में सूचना देनी होगी। आयोग ने ईवीएम के वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से कराने की व्यवस्था मतगणना हॉल में ही अलग से करने के निर्देश भी दिए हैं। मिलान के लिए वीवीपैट के ड्रॉप बॉक्स से निकाली गई पर्चियों को पिजन होल-ट्रे में अलग-अलग खाने में रखा जाएगा।
Published on:
05 Dec 2018 11:00 am
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