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कोर्ट ने 27 फीसदी OBC आरक्षण में लगाई रोक, कहा- 14 फीसदी से ज्यादा नहीं मिलेगा रिजर्वेशन

कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था।

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कोर्ट ने 27 फीसदी OBC आरक्षण में लगाई रोक, कहा- 14 फीसदी से ज्यादा नहीं मिलेगा रिजर्वेशन

कोर्ट ने 27 फीसदी OBC आरक्षण में लगाई रोक, कहा- 14 फीसदी से ज्यादा नहीं मिलेगा रिजर्वेशन

जबलपुर. मध्यप्रदेश के टीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल एवं न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की युगल पीठ ने अंतरिम आदेश के द्वारा राज्य शासन को एवं लोक सेवा आयोग को निर्देशित किया कि वह हाल ही में प्रगतिशील नियुक्ति प्रक्रिया में अन्य पिछड़ा वर्ग को 14% आरक्षण को ही लागू करते हुए नियुक्ति करेंगे। 27% आरक्षण की प्रणाली नहीं लागू करेंगे।

यह अंतरिम आदेश उन याचिकाओं में आए जिनमें राज्य शासन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण को 50% से ज्यादा 63% पहुंचा दिया गया। इन याचिकाओं में राज्य शासन द्वारा जारी संशोधन अधिनियम 2019 को चुनौती दी गई एवं मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा इसके आधार पर प्रारंभ की गई नियुक्ति प्रक्रिया को भी चुनौती दी गई है। मुख्य आधार यह है कि सुप्रीम कोर्ट के दृष्टांत एवं निर्णय के अनुरूप राज्य शासन द्वारा 50% से अधिक आरक्षण नहीं किया जा सकता परंतु अक्टूबर 2019 में यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया गया।

अधिवक्ताओं द्वारा यह भी तर्क दिया गया कि जो आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु बढ़ाया गया है, वह बिना किसी आधार के एवं पिछड़ा वर्ग आयोग से परामर्श किए बिना बढ़ाया गया है। याचिकाओं में यह भी आधार लिया गया कि बिना किसी सर्वेक्षण अथवा फील्ड स्टडी किए संपूर्ण आरक्षण लागू कर दिया गया असंवैधानिक है। उच्च न्यायालय द्वारा सभी याचिकाओं पर सुनवाई के पश्चात उपरोक्त अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य शासन एवं लोक सेवा आयोग को 14% के ऊपर बढ़ाए गए आरक्षण को लागू करने पर रोक लगा दी है। रतलाम में अगली सुनवाई 12 फरवरी 2020 को नियत की गई है, जब तक राज्य शासन एवं अन्य को प्रकरण में विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने हेतु कहा गया है।


सरकार ने बढ़ाया था आरक्षण
कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था। इसे आशिता दुबे सहित अन्य ने कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया था कि इस फैसले के बाद राज्य में आरक्षण 50 फीसदी से बढ़कर 63 फीसदी हो गया है।। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण बढ़ाने का प्रावधान नहीं है।