scriptकचरे में मिली नवजात को को गोद लेने की खातिर बढ़े कई ममतामयी हाथ | Many Mamtamayi hands up for adoption of newborn found in garbage | Patrika News

कचरे में मिली नवजात को को गोद लेने की खातिर बढ़े कई ममतामयी हाथ

locationजबलपुरPublished: Sep 22, 2020 10:49:59 am

Submitted by:

santosh singh

-पुलिस अधिकारी से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक बच्ची को लेना चाहते हैं गोद, -एल्गिन में भर्ती मासूम स्वस्थ्य पुलिस ने दर्ज किया मामला

newborn baby.jpg

newborn found in garbage

जबलपुर. शहर के अच्छे संस्कार सोमवार को छलक पड़े। कहते हैं कि बिटियां ईश्वर की अनुपम उपहार होती हैं। कन्यादान सबसे बड़ा दान बताया गया है। बिटिया को लक्ष्मी समान माना जाता है। यही कारण है कि खुद की जन्मदाता मां ने जिस नवजात बिटिया को ममता की आंचल से दूर कर कचरे के ढेर में फेंक दिया था, उसे अपनाने लोगों में होड़ लग गई। अधारताल टीआई और एल्गिन में 25 से अधिक लोगों ने कॉल कर बच्ची को गोद लेने में दिलचस्पी दिखाई। इसमें भोपाल के प्रशासनिक अधिकारी से लेकर पुलिस अधिकारी और शहर के कई बड़े परिवार के लोग शामिल हैं।
अधारताल थाना प्रभारी शैलेश मिश्रा ने बताया कि बच्ची को गोद लेने के लिए उनके पास 25 से अधिक लोगों के कॉल आए। बच्ची एल्गिन में उपचारत है और एक दम स्वस्थ्य है। गोद लेने की दिलचस्पी दिखाने वाले परिवारों को प्रक्रिया के तहत आवेदन करने को कहा है। मासूम को कचरे में फेंकने वाले के खिलाफ धारा 317 आईपीसी का प्रकरण दर्ज किया है। आसपास के लोगों से पूछताछ कर बच्ची के अभिभावक के बारे में पता लगाया जा रहा है।

newborn baby.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

ये थी घटना-
अधारताल थानांतर्गत महाराजपुर सुभाष नगर में किसी ने दो दिन की नवजात बच्ची को कचरे के ढेर में फेंक दिया था। उसे बेहोशी हालत में एफआरवी के प्रधान आरक्षक दीपक और आरक्षक रामनरेश एल्गिन पहुंचाए। दोनों की तत्परता से जहां बच्ची का समय रहते उपचार शुरू हो पाया। वहीं वह पूरी तरह स्वस्थ्य हो गई है। एसपी ने दोनों पुलिस कर्मियों को 500-500 का इनाम दिया है।
पत्रिका व्यू-
संवेदनशील लोगों ने समाज के सामने पेश किया आदर्श
वह नरपिशाच से कतई कम नहीं है, जिसने प्यारी से नवजात को कचरे के ढेर पर फेंक दिया था। तभी तो उसक इतनी हिम्मत पड़ गई कि दो दिन की बच्ची को मरने के लिए छोड़ गया। कानून तो शायद उसे सजा अभी नहीं दे पाए, लेकिन शहर के तमाम संवेदनशील लोगों ने इस प्यारी बिटिया को गोद लेने के लिए आगे आकर पत्थरदिल मां-बाप के गाल पर तमाचा मारा है। लाडली-लक्ष्मी का समाज में देवी जैसा स्थान है। यह भी बताया है कि संस्कार जिंदा है। बच्ची की किलकारियां आगे जिस आंगन में भी गूंजेंगी, वह घर अजार खुशियों का गवाह बनेगा। उसे गोद लेने वाले सजा के लिए आदर्श बनेंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो