दक्षिण पूर्व मध्य रेल ने आठ कोच वाले मेमू का रैक नैनपुर भेजा है। यह नैनपुर रेलवे स्टेशन की साइडिंग पर खड़ा है। सिल्वर-नीले रंग के मेमू में आगे-पीछे इंजन हैं। बिजली से चलने वाली मेमू ट्रेन का ट्रॉयल रन लिया जा रहा है। इसकी गति और रखरखाव को लेकर इंजीनियर निगरानी कर रहे है। परीक्षण के बाद यह मेमू ट्रेन पटरी पर दौडऩे के लिए तैयार बताई जा रही है। यह ट्रेन पहले चल पैसेंजर ट्रेन के समय पर जबलपुर से चलकर गोंदिया तक ले जाने का प्रस्ताव है। दोनों छोर से मेमू चलाने के लिए रेल बोर्ड से और रैक मांगे गए हैं।
लॉकडाउन से रेल नेटवर्क से कटा है आदिवासी अंचल
ब्रिटिशकालीन इस रेलखंड पर अमान परिवर्तन का काम पूरा होने के बाद जबलपुर-नैनपुर-चिरईडोंगरी तक डीजल पैसेंजर ट्रेन शुरूकी गई थी। लॉकडाउन के समय यह ट्रेन सेवा बंद है। समनापुर-लामता के बीच ब्रॉडगेज के काम में देरी से नक्सल प्रभावित बालाघाट जिला भी सम्भागीय मुख्यालय से लम्बे समय से सीधी रेल मार्ग से कटा हुआ है। इस काम के पूरा होने और बालाघाट-गोंदिया के बीच कई वर्ष से ब्रॉडगेज ट्रेन चलने से जबलपुर से अब गोंदिया तक ब्रॉडगेज का सीधा नया मार्ग बन गया है। नैनपुर-मंडला रेलखंड में चिरई-डोंगरी से मंडला फोर्ट तक अमान परिवर्तन का कार्य भी पूरा हो गया है। रेल सुविधा में पिछड़े इन क्षेत्रों में ब्रॉडगेज लाइन बनने के बाद जबलपुर तक ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है। दक्षिण पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी साकेत रंजन ने बताया कि मेमू का रैक नैनपुर भेजा गया है। जबलपुर-बालाघाट के बीच ब्रॉडगेज का काम पूरा हो चुका है। ट्रेन के संचालन को लेकर अंतिम निर्णय रेल बोर्ड से होगा। निर्देश प्राप्त होते ही इस मार्ग में ट्रेन का संचालन शुरु कर दिया जाएगा।