उत्पादन से लेकर मार्केटिंग के बताए किसानों को तरीके
किसान और निर्माता एक मंच पर आए, एसएफआरअई ने किया आयोजन, विभिन्न हिस्सों से शामिल हुए 300 प्रतिनिधि

जबलपुर।
औषधि पौधों के उत्पादन से लेकर उनकी बाजार में मार्केटिंग करने जैसे तरीक किसानों को बताए गए। उत्पाद निर्माता कंपनियों के साथ सीधे मिलाया गया। किसानों की जिज्ञासाओं तो वहीं निर्माताओं की आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादन देने जैसी बातों को फेस टू फेस रखा गया। राज्य वन अनुसंधान संस्थान ने फेसिलेटर की भूमिका का निर्वाहन करते हुए किसानों, निर्माताओं और एजेंसियों को एक प्लेटफार्म पर लाने का काम किया। सोमवार को एसएफआरआई के सभागार में औषध पादप क्षेत्र हितधारक-सह-क्रेता विक्रेता सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड आयुष मंत्रालय भारत सरकार, क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र मध्य क्षेत्र जबलपुर तथा सॉलिडेरिडाड नईदिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न प्रदेशों से ३०० प्रतिनिधि जुड़े। सम्मेलन में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड, नई दिल्ली के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.जेएलएन शास्त्री ने ऑनलाईन शामिल हुए। उष्ण कटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डॉ.जी राजेश्वर राव, छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड सीईओ डॉ.जेएसीएस राव ने भी ऑनलाईन शामिल हुए। तकनीकी सत्र में छग राज्य औषधीय पादप बोर्ड की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ.राव ने औषधीय पौधों की खेती की महत्ता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय पादप बोर्ड के सौरभ शर्मा ने विश्वस्तरीय औषधीय बाजार व्यवस्था के माध्यम से औषधीय पौधों के संरक्षण, खेती, गुणवत्ता पर अपनी बात रखी। स्वाति पाण्डेय ने आरबोरियल बायो इनोवेशन , डॉ. एके पांडेय ने संवहनीय विदोहन के बारे में जानकारी दी। इस दौरान क्षेत्रीय संचालक एसएफआरआई डॉ.पीके शुक्ला, डॉ.अनिरूद्ध सरकार,आरपी गुप्ता, डॉ.उदय होमकर आदि उपस्थित थे।
हर हितधारक को प्लेटफार्म से जोडऩा
डॉ सुरेश मोटवानी, महाप्रबंधक, सॉलिडेरिडाड ने कहा कि उनका संगठन निर्माता से लेकर आपूर्ति श्रृंखला के शीर्ष उपभोक्ताओं तक सभी हितधारकों को जोडऩे की कोशिश कर रहा है। हम एमएपी के लिए स्थायी प्रौद्योगिकी के लिए लैब टू लैंड टेक्नोलॉजी और विकासशील प्लेटफॉर्म पर जोर दे रहे हैं। डॉ. गजेंद्र गुप्ता, सोनू मेहरा, एमएफपी पार्क ने प्रदेश में औषधीय पौधों की प्रजातियों के वितरण और उनकी आपूर्ति श्रृंखला के बारे में बताया।
मौके पर ही खरीदी पर चर्चा
डॉ.अनिररूद्ध सरकार ने बताया कि पहली बार इस तरह का किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें हितधारकों द्वारा उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। मौके पर ही किसानों और कुछ निर्माताओं के साथ खरीदी आदि को लेकर निर्णय लिया गया।
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