बता दें कि रेल कर्मचारी पिछले करीब एक सप्ताह से बोनस की मांग को लेकर आंदोलित रहे। उन्होंने इसके लिए रेल परिचालन ठप करने तक की चेतावनी दी थी। देश भर के रेल मंडल मुख्यालयों से लेकर हर जगह रेल कर्मचारी गेट मीटिंग से लेकर विरोध प्रदर्शन तक करने में जुटे रहे। वो इसे अपना हक बता रहे थे। कर्मचारी नेताओं का कहना था कि लंबे संघर्ष के बाद बोनस का अधिकार मिला है जिसे वो लेकर रहेंगे।
रेल कर्मचारी नेताओं का कहना रहा कि शारदीय नवरात्र शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक सरकार बोनस के बाबत चुप्पी साधे बैठे हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर बोनस मुद्दे पर जल्द निर्णय न हुआ तो वो रेल परिचालन ठप कर देंगे।
जबलपुर रेल मंडल कार्यालय, पश्चिम मध्य रेलवे जोन मुख्यालय और जबलपुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया जा रहा था। कर्मचारी यूनियन बोनस ना मिलने के विरोध में लगातार रेलवे के सामने अपनी बात रख रहे थे । उनका कहना था कि बोनस उनका अधिकार है।
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल के एम्पलाई यूनियन सचिव नवीन लिटोरिया ने बताया कि सरकार के इस निर्णय से हर रेल कर्मचारियों में खुशी की लहर है। पिछले एक सप्ताह से बोनस ना मिलने के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा था। बोनस की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन के बाद आखिरकार सरकार ने हमारी मांग को पूरा कर दिया है।