विश्नोई ने नई शिक्षा नीति के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सुझाव भेजे हैं। पत्र में उन्होंने स्कूल शिक्षा की समस्त किताबें टेक्स्ट बुक को छापने के पूर्व एक सेंट्रल टेक्स्ट बुक रेगुलेटरी एवं सर्टिफिकेट बोर्ड बनाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में के स्कूलों में योग्य शिक्षकों की कमी है। अंग्रेजी-गणित-विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं हैं। शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शाला में छात्रों की कमी है। सरकार को पहले शिक्षकों को शिक्षण कार्य में रुचि और समर्पण का भाव पैदा करना होगा। छात्रों की संभावनाओं को पहचानने और विकसित करने की क्षमता शिक्षकों में होना अत्यावश्यक है। छात्रों को वोकेशनल ट्रेनिंग कहां और कैसे मिलेगी इस गम्भीरता से कार्य हों। विश्नोई ने प्रदेश में शिक्षकों की कमी, संसाधनों की कमी का जिक्र किया तो, जबलपुर शहर के कई कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह भी उनकी सरकार को लेकर नाराजगी ही है। क्योंकि, शिक्षकों की कमी दूर करना तो भाजपा सरकार का ही तो काम है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कुछ भी हो, विश्नोई ने बात पते की है। शायद शिक्षा व्यवस्था में इसके बाद ही कुछ सुधार आ जाए।