जालसाज ने 350 रुपए वापस पाने के लिए यूआरएल भेजा, मोबाइल हैक कर 1.60 लाख रुपए निकाल लिए
इसमें दिए गए मोबाइल नम्बर 9910917558, 8250019631 पर 31 अगस्त को बात की। उधर से परिचय दिया गया कि वह विजय मिश्रा ई-कॉमर्स कम्पनी से बात कर रहा है। पैसे वापस के लिए बैंक खाता देना होगा। मना करने पर उसने क्विक पे ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। इस बार भी अविनाश ने मना कर दिया। फिर एक लिंक भेजा और कहा कि इसमें डिटेल भर दीजिए, पैसा वापस आ जाएगा। ऐसा करने पर एक ऐप डाउनलोड हुआ और उसका मोबाइल हैक हो गया। उसके खाते से इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से 4999 रुपए निकल गए।
जालसाज ने विभिन्न ऐप और खातों में ट्रांसफर की रकम
अविनाश ने सिविल लाइंस थाने और फिर एसबीआई पहुंचे। वहां बैंक मैनेजर से खाता होल्ड कराने के लिए कहा, तो बताया गया कि पहले लिखित आवेदन और थाने की शिकायत दो, तब खाता होल्ड कर पाएंगे। अविनाश वहां से रामपुर स्थित स्टेट साइबर सेल पहुंचे। वहां एक घंटे तक उलझाए रखा गया। पैसे रोजर-पे में ट्रांसफर हुए थे। ट्रांजेक्शन डिटेल के लिए फिर बैंक भेजा गया। ट्रांजेक्शन डिटेल रोजर-पे के नोडल अधिकारी को भेजा गया। वहां से बताया गया कि पैसा एरोन-पे नाम के ऐप में ट्रांसफर कर लिया गया। उसके नोडल अधिकारी ने कोई मदद नहीं की। एक सितम्बर को वह फिर स्टेट साइबर सेल पहुंचे। 10 हजार रुपए पेटीएम में ट्रांसफर हुआ था, जिसे होल्ड कराया जा सका। 1.50 लाख रुपए जालसाज ने विभिन्न ऐप और खातों में ट्रांसफर कर रकम निकाल ली। स्टेट साइबर सेल ने मामला जांच में लिया है।
ये करें
– ठगी होने पर तुरंत सायबर कार्यालय पहुंच कर शिकायत करें।
– इंटरनेट बैंकिंग के दौरान स्वयं के मोबाइल का प्रयोग करें।
– गोपनीय पासवर्ड स्पेशल कैरेक्टर, अल्फा, न्यूमेरिक का उपयोग करके बनाएं।
– राशि के ट्रांजेक्शन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि राशि प्राप्त करने वाला खाताधारक है या नहीं।
– अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
– किसी भी अनजान व्यक्तिके साथ पासवर्ड शेयर न करें।
(स्टेट साइबर सेल के एसपी अंकित शुक्ला के अनुसार )