Monsoon 2025: कभी धूप-कभी छांव, अचानक आंधी और फिर बारिश। इस तरह 43 दिन से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। फिर भी आसार हैं कि 10 जून के बाद कभी भी मानसून आ सकता है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) का असर प्रदेश के कई जिलों में दिख रहा है।
Monsoon 2025: कभी धूप-कभी छांव, अचानक आंधी और फिर बारिश। इस तरह 43 दिन से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। फिर भी आसार हैं कि 10 जून के बाद कभी भी मानसून आ सकता है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के कारण शहर में शनिवार को भी बादल छाए। जिले में कुछ स्थानों पर तेज हवा के साथ हल्की बारिश होने से शाम को हवा में हल्की ठंडक आने से गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग की मानें, तो फिलहाल नौ जून तक जबलपुर सहित सम्भाग के जिलों में ऐसा ही मौसम रहेगा। 10 जून के बाद कभी भी मानसून(Monsoon 2025) प्रवेश कर सकता है। इस बार जबलपुर सम्भाग में डिंडोरी के जरिए मानसून प्रदेश में प्रवेश करेगा।
शनिवार को भी दिन भर बादलों की आवाजाही के बीच तेज धूप खिली। इसके चलते दिन का अधिकतम तापमान हल्का बढ़ा। यह 38.9 से बढ़कर 39.0 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 2 डिग्री कम था। रात का न्यूनतम तापमान बढ़कर 26.4 डिग्री दर्ज हुआ। यह भी सामान्य से 2 डिग्री कम था। मौसम विभाग(MP Weather) की वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी बनी हुई है। इस वजह से आंधी-बारिश वाला मौसम है।
इस बार भीषण गर्मी में भी आंधी-बारिश वाला मौसम रहा। जबलपुर संम्भाग में 26 अप्रेल से आंधी-बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो सात जून को भी जारी रहा। यानी, लगातार 43 दिन से जबलपुर सम्भाग के किसी न किसी जिले में बारिश हो रही रहा है, या आंधी चल रही है। मानसून अभी महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह ठहरा है।