
जबलपुर . शहर में दो लाख से ज्यादा 15 साल पुराने सरकारी और निजी वाहन और 20 साल पुराने कमर्शियल वाहन दौड़ रहे हैं। इनके कारण हादसे हो रहे हैं। इनका धुआं और आवाज वायु और ध्वनि प्रदूषण करते हैं। स्क्रेप पॉलिसी आने के बाद परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को सड़क से दूर करने का प्रयास किया था। लेकिन पूरा प्लान कागजों तक ही सीमित होकर रह गया। अब तक प्रदेश में एक भी स्क्रेप सेन्टर नहीं खुला है।
वर्ष 2002 से 2008 के बीच रजिस्टर्ड वाहन
वाहन-संख्या
डम्पर-51
स्कूल बस-203
ट्रक-9796
मैक्सी कैब-229
मोपेड और मोटराइज्ड साइकिल-67
मोटर कैब और लक्जरी कैब-497
मोटर कार-21800
मोटर साइकिल-154204
ओमनी वैन-4660
तीन पहिया-6010
ट्रैक्टर-2092
अन्य वाहन-10920
कुल वाहन- 205269
सरकार ने वर्ष 2021-22 के आम बजट में घोषणा की थी कि 15 साल पुराने सरकारी और प्रायवेट तथा 20 साल पुराने कमर्शियल वाहन को सड़कों से हटाया जाएगा। इस योजना को स्क्रेप पॉलिसी का नाम दिया गया। जबलपुर समेत प्रदेश में पहले चरण में 20 स्क्रेप सेन्टर खोलने का प्रस्ताव बना।
बाइक और कार ज्यादा
वर्ष 2002 से 2018 के बीच जिला परिवहन कार्यालय में 21800 मोटर कार और 154204 मोटर साइकिल रजिस्टर्ड हुई। इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि स्क्रेप पॉलिसी का सबसे ज्यादा असर बाइक और कारों पर पड़ेगा।
वर्जन
तीन इन्वेस्टर्स ने जबलपुर में स्क्रेप सेन्टर खोलने के लिए आवेदन दिया है। स्क्रेप सेन्टर खोले जाने की पूरी प्रक्रिया ट्रांसपोर्ट कमिश्नर कार्यालय से की जा रही है।
जितेन्द्र रघुवंशी, आरटीओ
Published on:
03 Mar 2023 12:34 pm
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
