चुनाव आयोग ने दिया है विकल्प, ज्यादातर ने रिटर्निंग ऑफीसर को दिए हैं नामांकन पत्र
जबलपुर। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने वाले उम्मीदवारों के पास कुछ ही घंटे बचे हैं। ऑनलाइन नामांकन पत्र जमा करने वालों के लिए रविवार का समय बचा है। जबकि, ऑफलाइन आवेदन 30 अक्टूबर तक जमा हो सकेंगे। उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन को लेकर तकनीकी समस्याएं बता रहे हैं।
जिले की आठों विधानसभा सीटों के लिए अब तक 41 उम्मीदवारों ने नामांकन किए हैं। इनमें भाजपा, कांग्रेस, गोगंपा, बसपा के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं। शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण नामांकन प्रक्रिया नहीं होगी। रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय में जमा हो चुके नामांकन पत्रों की जांच का काम शनिवार को चला। कुछ उम्मीदवार जानकारी के लिए पहुंचे।
कितनों ने किया जमा, रिकॉर्ड नहीं
ई-नॉमिनेशन की सुविधा निर्वाचन आयोग ने दी है। लेकिन, जिले में कितने उम्मीदवारों ने इस माध्यम का उपयोग किया, इसका कोई आंकड़ा जिला निर्वाचन कार्यालय के पास नहीं है। इस प्रक्रिया में ऑफलाइन फॉर्म की तरह सारी जानकारियां भरनी पड़ती हैं। शपथ पत्र भी अपलोड करना होता है। इसमें उनकी और पत्नी की चल एवं अचल सम्पत्ति, बैंक में जमा राशि और नकद राशि के अलावा शिक्षा, व्यवसाय आदि की जानकारी देनी पड़ती है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि ऑनलाइन नामांकन पत्र जमा करना वैकल्पिक सुविधा है। इसके जरिए नामांकन को त्रुटिरहित बनाया जा सकता है।
सक्सेना ने बताई थी त्रुटि
चुनाव आयोग के ई-नॉमिनेशन पोर्टल पर तकनीकी खामियों के लिए कांग्रेस उम्मीदवार विनय सक्सेना ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा था। इसमें बताया गया था कि शपथ पत्र में प्रविष्टियां दर्ज की जा रही हैं, तो उसमें कुछ विकल्प परेशानी बढ़ा रहे हैं। दायित्व के विकल्प में सरकार को बकाया, शासकीय आवास से सम्बंधित कार्यों का निपटान करने वाले विभाग विकल्प का चयन करने पर पूर्व में आवंटित शासकीय आवास के विकल्प पर हां चुने जाने पर पोर्टल उक्त प्रविष्टि को सबमिट या सेव करने का विकल्प नहीं दे रहा।
शासकीय आवास सम्बंधी आवश्यक अमांग प्रमाण पत्र अपलोड करने पर बकाया के कॉलम में यह फील्ड आवश्यक है दर्शाते हुए राशि दर्ज किए बगैर में भी परेशानी आ रही है। इसी प्रकार बकाया शेष नहीं होने एवं शून्य रुपए दर्ज करने पर भी पोर्टल में भरी गई जानकारी स्वीकार नहीं की जा रही। सक्सेना का कहना था कि ऐसे में शासकीय आवास धारक उम्मीदवार उक्त पोर्टल से ई-नामांकन एवं शपथ पत्र की सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे। आयोग ने इसमें सुधार कर दिया है।