कोरोना का डर, ऐसी चेंबर में बिजली अफसर, दिहाड़ी-संविदा के भरोसे मैंटेनेंस
बिजली व्यवस्था कैसे हो बेहतर, जब अफसरों को फील्ड पर जाने से हो गुरेज
दो संैकड़ा शिकायतें हर रोज
ठंड आते ही भले ही बिजली की मांग धीरे धीरे कम हो गई हो लेकिन बिजली की शिकायतें अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बिजली विभाग में हर रोज करीब 150 सौ से 200 शिकायतें पहुंच रही हैं। यह शिकायतें बिजली गुल हो जाने, बार बार ट्रिपिंग होने, कनेक्शन बहाल ना किए जाने आदि से जुड़ी हुई हैं।
1200 कर्मचारियों का स्टाफ
जानकारों के अनुसार बिजली महकमे में 12 सौ से अधिक कर्मचारियों का स्टाफ है जिसमें अधिकारियों से लेकर संविदा कर्मी और डेली वेजेस कर्मचारी भी हैं। इसमें नियमित अफसरों की संख्या करीब 500 सौ के लगभग है जबकि 600 से अधिक नियमित कर्मचारी पदस्थ हैं।
पहले दर्ज कराओ शिकायत फिर करेंगे सुनवाई
सूत्रों का कहना है कि बिजली कंपनी ने मेंटेनेंस का काम ठेका व्यवस्था संविदा आधार पर कर रखी है जिसके चलते पूरी तरह मनमानी हावाी है। यदि किसी उपभोक्ता को बिजली से जुड़ी शिकायत करनी है तो पहले उसे कॉल सेंटर में फोन से शिकायत दर्ज करानी होगी तब उसकी सुनवाई होगी। ऐसे में कई गरीब उपभोक्त जिनके पास फोन जैसी सुविधा नहीं है वे शिकायत को लेकर परेशान रहते हैं।
-सभी डिवीजन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह फील्ड पर निरीक्षण करें। ऐसे क्षेत्रों में नजर रखें जहां बार-बार ट्रिपिंग हो रही है। साथ ही उपभोक्ताओं की शिकायतों का भी त्वरित निराकरण करने के लिए कहा गया है।
-आईके त्रिपाठी, एसई सिटी सर्किल
-बिजली व्यवस्था सुधारने के प्रति अफसरों का कोई ध्यान नहीं है। चेंबर के अंदर बैठकर काम चल रहा है जबकि यह काम ऐसा है जिसमें अधिकारियों को फील्ड पर रहना जरूरी है। ऐसे में बिजली व्यवस्था भी छिन्न-भिन्न है।
-मोहन अग्रवाल, अध्यक्ष पॉवर जनरेटिंग कर्मचारी जनता यूनियन