सूत्रों की मानें तो जिले में कोरोना संक्रमण की लगातार बढ़ती दर और सरकारी अस्पतालों की चरमराती व्यवस्था में सुधार नहीं आने से डॉ. कुररिया का हटना कुछ दिनों से तय माना जा रहा था। कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग के भोपाल से आए एक अधिकारी की समीक्षा बैठक लिए जाने के बाद से ही स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग में अधिकारियों के प्रभार में चर्चा चल रही थी। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से सोमवार को डॉ. कुररिया को जिला अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ के पद पर पदस्थापना के निर्देश जारी होने के बाद अटकलों पर मुहर लग गई। किंतु कुछ घंटे के लिए बनाए गए सीएमएचओ मिश्रा को क्यों हटाया गया इसका कारण अभी तक पता नहीं चल सका है। उल्लेखनीय है कि नेताओं के करीबी होने का लाभ डॉक्टरों को मिल रहा है। वहीं मिश्रा की कुछ कार्रवाई से नेतागण और उनके विभाग के अधिकारी ही नाराज चल रहे थे।
114 दिन में हुई थी वापसी
सीएमएचओ का प्रभार सम्भालने के दौरान डॉ. मनीष मिश्रा झोलाछाप डॉक्टर्स के विरुद्ध कार्रवाई, थर्मल स्कैनर खरीदी सहित कुछ अन्य मामलों में लेकर विवाद में आ गए थे। कोरोना संबंधी त्रुटिपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने पर तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव ने 2 जून को उन्हें नोटिस जारी किया था। 5 जून को उन्हें हटा दिया गया था। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों की के बीच संक्रमण के रोकथाम की जवाबदारी उनके कंधों पर दोबारा आई थी, परंतु चली भी गई।