
फाइल फोटो- पत्रिका
MP high court: हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई में नाबालिग बेटी ने पिता पर ही उत्पीड़न का आरोप लगा दिया। उसने पिता के साथ जाने से भी इनकार कर दिया। जस्टिस अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की डिवीजन बेंच ने पिता पर पॉक्सो में केस दर्ज करने के आदेश दिए। यह भी कहा कि पिता और बेटी के दावों की जांच करने की जरूरत है, याचिकाकर्ता को जरूरी न होने पर गिरफ्तार न करें।
दरअसल, जबलपुर मे पिता ने याचिका लगा बेटी को ढूंढ़ने की हाईकोर्ट से गुहार लगाई। उसने कहा कि बेटी गायब हो गई। तिलवारा पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी। उसने बेटी को बहकाने में कुछ लोगों की भूमिका बताई। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने नाबालिग को ढूंढ़ा और कोर्ट में पेश कर दिया।
नाबालिग ने कोर्ट में कहा, 1 लाख रुपए लेकर पिता ने शादी तय की थी। उनका व्यवहार ठीक नहीं था। गलत तरीके से छूते थे। पिता के साथ असुरक्षित महसूस करती थी, इसलिए सहेली के यहां चली गई। पिछले माह दिए फैसले में कोर्ट ने कहा, आरोप गंभीर हैं, इसलिए पुलिस केस दर्ज कर जांच करे। आरोपों में सच्चाई होने पर ही गिरफ्तारी करें। 18 वर्ष की होने तक वह नारी निकेतन में ही रहेगी।
Published on:
30 May 2025 08:02 am
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