
mp jansunwai portal start
जबलपुर . आवेदक अपने आवेदन पर हुई कार्रवाई खुद देख सकते हैं। जिले में जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर को प्राप्त होने वाले आवेदन और शिकायतों को उत्तरा पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड कर दिया गया है। बीती तीन जनसुनवाई के 700 से अधिक आवेदनों को अपलोड किया गया है। विभागों के अधिकारी भी नियमित रूप से अपनी लॉगिन देखकर उनका निराकरण कर रहे हैं।
जिले में नवाचार : उत्तरा पोर्टल पर टीएल की तरह जनसुनवाई के आवेदन हो रहे अपलोड
अब आवेदक खुद देख सकेंगे कहां अटका है उनका मामला
हर मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में कलेक्टर कार्यालय में 150 से 200 आवेदन एवं शिकायतें आती हैं। अभी व्यवस्था यह थी कि शिकायत शाखा में आवेदन एकत्रित होते थे। फिर कार्यालय अधीक्षक के जरिए उन्हें संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेजा जाता था। संबंधित व्यक्ति यदि कार्यवाही पर पूछता है तो अधीक्षक कार्यालय से जवाब तो मिल जाता था कि आवेदन कहां भेज दिया गया है। उसमें कार्यवाही क्या हुई, इसके लिए आवेदक को भटकते हुए दूसरी जगह जाना पड़ता था।
यह है स्थिति
● कलेक्ट्रेट में हर जनसुनवाई में 150-200 आवेदन।
●15 से 20 प्रतिशत आवेदन टीएल में शामिल होते हैं।
●अब उत्तरा पोर्टल पर सारे आवेदनों की अपलोडिंग।
●आवेदक को कम्पयूटर जनरेटेड पावती भी मिलती है।
अब उत्तरा पोर्टल पर सभी आवेदन ऑनलाइन कर दिए गए हैं। कोई भी आवेदक इनकी स्थिति के बारे में पोर्टल के जरिए जानकारी ले सकता है। यदि कोई मामले को अटका रहा है तो वह उससे जाकर चर्चा भी कर सकता है। यही नहीं संबंधित अधिकारी को अब संतोषजनक उत्तर देना पड़ रहा है। यही नहीं प्रकरण के निराकरण के लिए अधिकारी अपनी टिप्पणी एवं समाधान के लिए जरूरी दस्तावेजों को भी संलग्न कर रहे हैं। इन्हें भी आवेदक देख पा रहे हैं।
पेपरलेस वर्क की दिशा में काम
इस कार्य के जरिए पेपरलेस वर्क को बढ़ावा देने की सोच भी शामिल है। एनआइसी के डीआइओ आशीष शुक्ला ने बताया कि कलेक्टर की तरफ से यह पहल की गई है। इसमें ज्यादातर कार्य को ऑनलाइन किए जाने के लिए कहा गया है। उसकी दिशा में जनसुनवाई के आवेदनो को पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इन्हें आवेदक के साथ अधिकारी भी देख सकेंगे।
अब सिटीजन को भी किया शामिल
अभी तक उत्तरा पोर्टल पर शासकीय विभागों से संबंधित समय सीमा (टाइम लिमिट) के प्रकरणों को रखा जाता था। उन्हें सीधे कलेक्टर देख सकते थे। हर सोमवार को उसकी समीक्षा भी की जाती है। लेकिन एनआइसी के माध्यम से जिले में नवाचार किया गया है। अब शासकीय से सिविलियन के विकल्प पर काम शुरू हुआ है। प्रदेश के कुछ ही जिलों में इस प्रकार काम किया जा रहा है। उसमें जबलपुर भी शामिल है। इसके लिए एनआइसी की तरफ से स्टाफ को भी तैनात किया गया है।
150 से ज्यादा लोगों की लॉगिन
जिले में सभी शासकीय विभागों की एनआइसी की तरफ से लॉगिन बनाई गई है। इनकी संख्या 150 से अधिक है। बताया जाता है कि जनसुनवाई पर आवेदनों के अपलोड होने के बाद संबंधित अधिकारियों को अपनी लॉगिन की जांच करना है। मतलब उसे खोलकर चेक करना है कि कितने आवेदन आए हैं। यही नहीं अब उनकी लॉगिन पर भी निगरानी रखी जा रही है। यदि उन्हें कोई समस्या आ रही है तो उसका निराकरण भी किया जा रहा है।
Published on:
12 Dec 2022 12:12 pm
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