जिले में सम्पत्ति सम्बंधी अपराधों का बढ़ रहा आंकड़ा
चोर मिले न सम्पत्ति, अब कर ली खात्मा लगाने की तैयारी
लंबित अपराध हो जाते हैं कम
किसी भी थाने में संपत्ति संबंधी अपराधों का शत प्रतिशत निराकरण नहीं हो पाता। न ही सभी मामलों में आरोपी पकड़े जाते हैं और न ही आरोपियों से संपत्ति बरामद की जाती है। ऐसे में पुलिस खानापूर्ति के लिए जांच का पर्चा काटती रहती है। जब कुछ नहीं मिलता, तो लंबित मामलों की संख्या बढऩे के डर से उनमें खात्मा लगा दिया जाता है। जानकारों की माने तो पुलिस द्वारा सर्वाधिक खात्मा वाहन चोरी के मामलों में लगाया जाता है।
60 प्रतिशत बरामदगी
पुलिस के आंकड़ों की माने तो एक जनवरी से 30 नवम्बर 2020 तक चोरों ने जिले में कुल छह करोड़ 19 लाख 32 हजार 212 रुपए की संपत्ति पर हाथ साफ किया। जिसमें से पुलिस ने तीन करोड़ 72 लाख नौ हजार 60 रुपए की संपत्ति चोरों से बरामद कर ली। पुलिस के अनुसार संपत्ति संबंधी अपराधों में संपत्ति की बरामदगी 60 प्रतिशत तक की गई। जानकारों की माने तो यह इसलिए होता है क्योंकि जिस वक्त चोरी होती है, उस वक्त पुलिस संपत्ति की वह कीमत दर्ज करती है, जिस वक्त वह खरीदी गई हो, लेकिन जब बरामदगी होती है, तो संपत्ति की बरामदगी तारीख के समय की कीमत को जोड़ा जाता है। जिसके चलते बरामदगी का ग्राफ बढ़ा नजर आता है।