नर्मदा किनारे बसा ये शहर, फिर प्यासे हजारों कंठ फिर भी जिम्मेदार बेपरवाह
नर्मदा किनारे बसा ये शहर, फिर प्यासे हजारों कंठ फिर भी जिम्मेदार बेपरवाह

जबलपुर। करोड़ों की लागत से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में उच्च स्तरीय टंकियां बनाई गई हैं। इन्हें रमनगरा प्लांट से जोडऩे के लिए 50 किमी से ज्यादा लम्बी राइजिंग लाइन बिछाई गई है। 450 किमी से ज्यादा सप्लाई लाइन भी बिछाई जा चुकी है। महज पचास-सौ मीटर में सप्लाई लाइन का काम अधूरा होने से कई इलाकों में नर्मदा जल पहुंचने का इंतजार बढ़ता जा रहा है। गर्मी की दस्तक के साथ जल संकट की स्थिति बनने लगी है।
बदइंतजामी: सप्लाई लाइन का काम अब तक अधूरा,
हजारों घरों से महज 150 मीटर दूर नर्मदा जल, फिर भी ‘प्यासे’
ये टंकियां तैयार
करमेता, कुंगवा, सुहागी, खैरी, शिवनगर, मानेगांव, रांझी, गोकलपुर, मदन महल, भानतलैया, अधारताल, न्यू कंचनपुर, बिलपुरा, मड़ई, वीकल, बेदीनगर सूपाताल में टंकियों का काम पूरा हो गया है।
इन इलाकों में जलसंकट
सप्लाई लाइन का का काम शेष होने के कारण शहर के कई इलाकों में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इनमें लमती, रक्सा, करमेता, रिमझा, सिमरिया, रैगवां, नंदना, नंदनी रौसरा, खमरिया, औरिया, डुमना, चकदेही, गधेरी, महगवां, सुखलालपुर, सोनपुर, मानेगांव, मोहनिया, बिलपुरा, मड़ई, रिछाई, पिपरिया, इमलिया, महाराजपुर, सुहागी, गुरदा, कुदवारी, अमखेरा, कठौंदा शामिल हैं।
ये है स्थिति
46 टंकियों से पहले होती थी जलापूर्ति
16 और नई टंकी तैयार
54 किलोमीटर बिछाई जानी थी राइजिंग लाइन
450 किमी सप्लाई लाइन बिछाई जानी थी
अमृत योजना के तहत बनाई गई पानी की उच्च स्तरीय टंकियों को राइजिंग लाइन से जोडऩे और रिहायशी इलाकों में जलापूर्ति के लिए सप्लाई लाइन बिछाने का अधिकतर काम पूरा हो गया है। शेश कार्य इस महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद सम्बंधित इलाकों में पर्यापत पानी उपलब्ध हो सकेगा।
- कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, जल विभाग, नगर निगम
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