
Netaji
Netaji : ऐ भाई! जरा देखकर चलो, आगे..पीछे के साथ ऊपर भी । पिछले कुछ दिनों से जारी तेज हवा के दौर ने सडक़ पर चलने वालों के लिए नया खतरा खड़ा कर दिया है। यह प्रकृति प्रदत्त समस्या नहीं बल्कि जनता के नुमाइंदों की बेतरतीब होर्डिंग और कटआऊट से है। ऐसे में किसी भी सडक़, चौराहे की रोटरी या आईलैंड के बाजू से गुजरो तो सावधानी बरतो… यूनिपोल, जेंट्री गेट व अन्य स्थानों पर टंगे ‘नेताजी’ कभी भी आपके ऊपर गिर सकते हैं।
शहर के मुख्य मार्गों की सडक़ों के डिवाइडर, चौराहों की रोटरी और आईलैंड बेतरतीब बैनर, लैक्स, स्टैंडी, होर्डिंग और कटआउट से पटे हुए हैं। मालवीय चौक, छोटी लाइन चौराहा, यादव कालोनी, विजय नगर, अधारताल, घमापुर सहित शहर के सभी प्रमुख मार्ग पर कमोबेश एक जैसी स्थिति है। जन्मदिन से लेकर तीज-त्यौहार समेत अन्य बधाई संदेशों के विज्ञापन स्ट्रक्चर तेज हवा, आंधी चलने पर राहगीरों पर गिरकर उन्हें चोटिल कर रहे हैं। वाहन चालकों का संतुलन ही बिगड़ जा रहा है।
हद तो ये है कि शहर में चार से लेकर नौ इंच के सिंगल लाइन रोड डिवाइडर में भी तीन से पांच फीट चौड़े लैक्स और स्टैंडी लगा दिए जा रहे हैं। ऐसे में आवाजाही मार्ग तो प्रभावित होता ही है, कमजोर फ्रेम स्ट्रक्चर होने के कारण ये स्टैंडी और लेक्स कभी भी टूटकर राहगीरों के ऊपर ही गिर जाते हैं। कई बार नीचे पड़े स्टैंडी और लेक्स देखकर लोग कहते हैं नेताजी जमीन पर आ गए।
संपत्ति विरूपण के मामलों में अधिनियम में कार्रवाई का भी प्रावधान है। इसके तहत कोई सार्वजनिक संपत्तियों का स्वरूप बिगाडऩे, थूकने, स्याही, कलर या अन्य कोई सामग्री से लिखने, पंपलेट, पोस्टर, बैनर, लेक्स लगाने पर पहली बार सौ रुपए तक जुर्माना, एक महीने तक की कैद या दोनों सजा हो सकती हैं। बार-बार ऐसा करने पर एक माह से अधिक की जेल व दो हजार रुपए तक जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
भले ही राहगीरों को असुविधा हो या फिर दुर्घटना घटे इससे कोई सरोकार नहीं है। आए दिन लगने वाले इन विज्ञापन स्ट्रक्चर से शहरवासी भी परेशान हो चुके हैं और खींझते भी हैं, लेकिन नेताजी टंगे हैं ऐसे में भला कौन बोले। दूसरी ओर नगर में संपत्ति विरूपण का चलन हो गया है, लेकिन कार्रवाई के लिए जिमेदार नगर निगम प्रशासन को ये नजर नहीं आता।
शहर के प्रमुख चौराहों में महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित हैं, हद तो ये कि नेताजी के लैक्स बैनर से इन प्रतिमाओं को भी ढांक दिया जा रहा है। इन चौराहों से गुजरते राहगीर कहते हैं नेताजी तो महापुरुषों से भी महान हो गए।
नगर में प्रमुख चौराहों पर जो दिशा सूचक बनाए गए हैं, नेताजी के लैक्स, बैनर उन्हें भी कवर कर दे रहे हैं। ऐसे में शहर के बाहर से आए लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मार्ग ढूंढने में समस्या का सामना करना पड़ता है।
Updated on:
14 Apr 2025 12:24 pm
Published on:
14 Apr 2025 12:23 pm
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