अननोन ऐप और लिंक बने परेशानी : पीड़ित को नहीं होती जानकारी
जबलपुर.
मोबाइल को साइबर ठगों ने ठगी का जरिया बना लिया है। शहर में हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों के बैंक खाते से रकम निकाल ली गई। जबकि उन्होंने न तो किसी को ओटीपी नम्बर बताया और न ही किसी को अपना मोबाइल उपयोग करने के लिए दिया। ठगी की शिकायतें दर्ज होने पर जब स्टेट साइबर सेल ने समीक्षा की तो पता चला कि मोबाइल धारकों ने या तो किसी एपीके फाइल पर क्लिक किया या उन्होंने कोई अनजान एप डाउनलोड किया, जिसे मोबाइल का एक्सेस ठगों को मिला। उन्होंने इसके जरिए मोबाइल वॉलेट डाउनलोड कर खाते से रुपए निकाल लिए।
अननोन लिंक से भी मिररिंग
स्टेट साइबर सेल के अनुसार साइबर ठग लोगों को वॉट्सऐप और मैसेंजर पर विभिन्न ऑफर या कम्पनियों के नाम से लिंक भेजते हैं। इस लिंक को ओपन करते ही मोबाइल की मिररिंग हो जाती है। इसमें ठग स्क्रीन कॉपी करके वारदात को अंजाम देते हैं।
मोबाइल यूजर्स किसी एपीके फाइल पर क्लिक करते हैं या अननोन ऐप इंस्टॉल कर लेते हैं, जिससे मोबाइल का एक्सेस ठगों को मिल जाता है। इसलिए मोबाइल का उपयोग सोच समझकर करना चाहिए।
लोकेश सिन्हा, एसपी, स्टेट साइबर सेल, जबलपुर
कुछ माह पूर्व अधारताल निवासी एक वृद्ध के बैंक खाते से एक लाख रुपए निकाल लिए गए। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि न तो उन्होंने किसी को ओटीपी बताया और न ही अपना मोबाइल किसी को उपयोग करने के लिए दिया। इसके बावजूद रकम निकाल ली गई।
पान दरीबा निवासी आलोक दिवाकर के मोबाइल पर 17 फरवरी को तीन मैसेज आए। इसमें 23, 480 रुपए निकाले जाने की जानकादी थी। उन्होंने बैंक जाकर जानकारी ली तो बताया गया कि यूपीआई के माध्यम से रुपए निकाले गए हैं।