
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीयन अनिवार्य ( Patrika File Photo )
paddy scam : 47 करोड़ के धान घोटाले ने बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले की याद ताजा कर दी। धान की खरीदी से लेकर मिलिंग में काम कर रहे संगठित गिरोह का दुस्साहस ऐसा था कि कार और बस में भी धान की ढुलाई दिखा दी। दरअसल, जिन चालान में जिन वाहनों के नम्बर डाले गए थे वह प्राइवेट और यात्री वाहन निकले। प्रशासन की जांच में 55 वाहनों के फर्जी नम्बर डाले जाने का खुलासा हुआ है।
कर्मचारियों और सहकारी समिति के कर्मचारियों की मिलीभगत से मिलर्स ने चालान तो ट्रक का कटाया लेकिन उन रजिस्ट्रेशन नंबरों पर कार, बस और ट्रेक्टर के अलावा डम्पर मिले। ऐसे 55 वाहन जिला जांच दल ने पकड़े हैं। इसी प्रकार जीएसटी से ई वे बिल के जरिए जांच कराई तो यह खुलासा भी हुआ कि मिलर्स के 15 वाहनों में धान का चालान कटा लेकिन वे उसी तारीख में प्रदेश के दूसरे शहरों में स्क्रैप, सोयाबीन, ऑर्टिकल ऑफ स्टोन, मिनरल, कैमिकल, मार्बल और लकड़ी की ढुलाई कर रहे थे। एक मिलर ने तो ट्रिप के नाम पर हद कर दी, उसने एक वाहन से एक दिन में उज्जैन के चार ट्रिप बता दिए। इस फर्जीवाड़े के खुलासे में दो महीने के समय लगा लेकिन इस दौरान जांच दल कई जगहों पर गया। आरटीओ से लेकर जीएसटी के अधिकारियों से संपर्क कर वाहनों का पूरा ब्यौरा एकत्रित किया।
जांच दल ने ढाई हजार पन्नों के ट्रक चालान जनरेट करने में मनमानी का पर्दाफाश हुआ है। जबलपुर से उज्जैन, मनेरी मंडला, विदिशा, राजगढ़, ग्वालियर के मिलर्स के 307 ट्रिप को फर्जी पाया है। इनमें 15 ऐसे हैं कि जो कि निर्धारित रूट से अलग थे। इनमें दूसरी चीजों की ढुलाई चल रही थी। इन ट्रिप को मिलर्स ने धान की मिलिंग के नाम पर बिल से घटाने का प्रयास किया लेकिन सही समय पर इसका पर्दाफाश हो गया।
55 वाहन ऐसे मिले जो कि ट्रक की जगह दूसरी श्रेणी के।
20 कार, 14 डम्पर, 5 बस, 5 पिकअप और एक ट्रैक्टर तक मिला।
45 वाहन ऐसे थे जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर तक गलत था।
100 ऐसी ट्रिप मिली जिनसे परिवहन संभव नहीं हो सकता।
121 ट्रिप ऐसी भी जिनमें तय मात्रा से ज्यादा लोडिंग मिली।
उधर, धान घोटाले के पुराने मामले में फरार छह आरोपियों पर एसपी सम्पत उपाधयाय ने शुक्रवार का 5-5 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की। बताया गया है पनागर थाने में सेवा सहकारी समिति पनागर के केन्द्र प्रभारी चंदन कॉलोनी पनागर निवासी रविशंकर पटेल, भिड़ारीकला निवासी कम्प्यूटर ऑपरेटर विनय पटेल, सर्वेयर कोहना निवासी महेन्द्र पटेल और और गढ़ा कोटा सागर निवासी महेन्द्र पटेल व सेवा सहकारी समिति महाराजपुर की खरीदी केन्द्र प्रभारी मोहिनी पाठक, कम्पयूटर ऑपरेटर विश्वास खरे और सर्वेयर विकास खरे समेत अन्य पर पूर्व में एफआइआर दर्ज की गई थी।
Updated on:
22 Mar 2025 12:52 pm
Published on:
22 Mar 2025 12:27 pm
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