एक सेंटर पर सवा करोड़ से ज्यादा खर्च:
कोरोना की दूसरी लहर में लगभग पांच सौ बिस्तर का बड़ा आइसोलेशन सेंटर माढ़ोताल में तैयार किया गया। इसे रानी दुर्गावती कोविड केयर सेंटर नाम दिया गया। यह कोविड केयर सेंटर एक निजी कम्पनी के भवन में तैयार किया गया है। मरीजों के पलंग, बिस्तर, पंखे-कूलर, ऑक्सीजन सहित अन्य व्यवस्थाओं पर लगभग सवा करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं। कई चिकित्सकीय उपकरण दान में प्राप्त हुए हैं। जब तक सेंटर तैयार हुआ तब तक संक्रमित कम हो जाने से सेंटर का उपयोग भी ज्यादा नहीं हुआ। अभी सेंटर में सिर्फ चार मरीज भर्ती हैं। इनके डिस्चार्ज होने के बाद सेंटर की सामग्री का उचित भंडारण आवश्यक है।
संसाधनों को सुरक्षित करने पर ध्यान नहीं:
अस्पतालों से अलग बनाए गए 12 कोविड आइसेालेशन सेंटर में दो समाजिक/धार्मिक संस्था की ओर से बनाए गए हैं। प्रशासन के अधीन नौ कोविड केयर सेंटर में से चार केन्द्र पूरी तरह खाली हो चुके हैं। बाकी पांच केन्द में भी इक्का-दुक्का मरीज भर्ती हैं। इन सेंटर में पलंग, गद्दे, चादर, पंखा, कूलर, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसट्रेटर, ऑक्सीजन फ्लो मीटर, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, मेडिकल टेबल, वायपेप मशीन सहित कई आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण हैं। लेकिन खाली हो रहे सेंटर में जिंदगी को बचाने वाली सामग्रियों को सुरक्षित करने पर ध्यान नहीं है।
कोविड केयर सेंटर अब खाली हो रहे हैं। इनकी सामग्रियों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। संसाधन सुरक्षित रखें जाएंगे।
– डॉ. रत्नेश कुररिया, जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
इनकी सामग्री भी सहेजे, आगे उपयोग हो सकेगा
– सेना और नगर निगम ने मिलकर 4-टीटीआर में 100 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर बनाया।
– स्वास्थ्य विभाग ने रांझी में ज्ञानोदय छात्रावास में 150 बिस्तर का आइसोलेशन सेंटर बनाया।
– जिला प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्र में 7 आइसोलेशन सेंटर बनाए। इनमें 320 बिस्तर की क्षमता है।
– पमरे का 22 कोच वाला कोविड आइसोलेशन कोच। इसके पांच कोच मरीज के लिए तैयार थे।
– सिंधी धर्मशाला (80 बिस्तर) और जैन मंदिर (25 बिस्तर) परिसर में केयर सेंटर बनाया।