अब आम शहरी-समाज-प्रशासन सभी को नई शुरुआत करनी होगी। इसके लिए हर कोई तैयार भी दिख रहा है। प्रशासन की कोशिश होगी कि स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर इस बार अव्वल आए। रोजगार की ओर बढ़ते कदमों को एग्रो पार्क चार चांद लगा सकता है। मेडिकल कॉलेज को पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट की सौगात मिल सकती है। जिला प्रशासन कोशिश करेगा कि कोरोना का कहर अब दोबार अटैक नहीं कर पाए। लोग भी उसकी कोशिशों के साथ खड़े नजर आएंगे। पुलिस बीती बातों को भूलकर अपराधों पर नियंत्रण की नई पहल कर रही है।
उम्मीद की जा रही है कि अपराधियों के मन में खौफ आएगा। पूरा शहर नई खुशनुमा सुबह के इंतजार में है। संस्कारों की नगरी, नर्मदा किनारे के इस खूबसूरत शहर में स्वागत है एक नई शुरुआत का। आम लोगों का मानना है कि बीते साल कोरोना के नाम पर कुछ मनमानियां भी हुईं। नए साल में यह सोचना होगा कि आखिर आम लोगों ने अपनी जिम्मेदारी कितनी समझी? पुलिस और प्रशासन ने आखिर कितने सही ढंग से ड्यूटी निभाई। इसी से आने वाले साल में गलतियां कम करने की सीख मिलेगी।