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जबलपुर, जहां देशभर में अनेकों लोगों ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर अपनाए जाने वाली प्रक्रिया से डरकर अपनी यात्राओं की बात छुपाई और नासमझी से वायरस फैलाने का आधार बन गए। शहर के साहित्यकार सूरज राय सूरज ने अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए एक माह लॉकडाउन झेलने के बाद दिल्ली से आते ही रात 2 बजे विक्टोरिया पहुंचकर जांच कराते हुए अपने को अपने घर पर ही कोरेंटाइन कर लिया है।
कवि सूरज राय सूरज ने कहा, दिल्ली में कोरोना संक्रमण का कोहराम मचा हुआ है। उन्होंने शहर से दूर रहकर जो दर्द महसूस किया, उसे रचनाओं के माध्यम से लोगों को बताएंगे। कोरोना जंग में अच्छे कार्य करने वालों के नाम स्वर्णिम इतिहास बनेगा। घर की ओर पैदल निकले श्रमिक और प्यास बुझाने की जंग का सबब बनी लापरवाही पीढि़यों को सबक सिखाएगी।
उन्होंने अपने दोस्त की शादी में शामिल होने दिल्ली पहुंचे सूरज राय सूरज के जाने के बाद कोरोना संक्रमण के दौर में देश में लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई थी। केन्द्र नेे अन्यत्र फंसे लोगों को अपने अपने गृह जिलों में भेजे जाने के आदेश के बाद वे सक्रिय हुए और उन्होने केन्द्रीय मंत्री प्रह़लाद पटेल की मदद से दिल्ली सरकार से पास प्राप्त किया और फि र वहां से रवाना होकर 27 अप्रैल की रात्रि 2 बजे जबलपुर पहुंचे।
लाल किले में किया था शहर का प्रतिनिधित्व
उल्लेेखनीय है कि नामचीन शायर सूरज राय सूरज ने गत 15 अगस्त को लाल किले में होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में अपने शहर का प्रतिनिधित्व किया था। देश के सबसे बड़े कार्यक्रम माने जाने वाले इस कार्यक्रम में शहर से किसी रचनाकार की शिरकत पूरे 28 साल बाद हुई थी।
Published on:
28 Apr 2020 10:30 pm
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