- सीलिंग से मुक्ति की सुस्त चाल, चुनावी उम्मीदवारों को पशोपेश में डालेगी सीलिंग से मुक्ति की सुस्त चाल
जबलपुर। जेडीए के भूखंडों में सीलिंग शब्द को हटाने की प्रक्रिया सुस्त पड़ गई है। जो प्रकरण आए हैं, उनमें सुनवाई धीमी है। अब सारे अधिकारी विधानसभा चुनाव में व्यस्त हो गए हैं, ऐसे में सीलिंग की समस्या के निराकरण की देरी चुनाव में मुद्दा बन सकती है। क्षेत्रीयजनों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। आने वाले चुनाव में वोट के लिए पहुंचने वाले प्रत्याशियों को मतदाताओं के प्रश्न असमंजस में डाल सकते हैं।
शहर में जबलपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की 22 कॉलोनियों के 25 हजार परिवारों की व्यथा को पत्रिका ने उठाया था। उनका कहना था कि जेडीए से जमीन लेकर उस पर मकान बनाना जैसे अपराध हो गया है। इन कॉलोनियों के लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। शुरूआत में तो ऐसा कोई विवाद नहीं था। फिर अचानक खसरे में सीलिंग दर्ज कर दिया गया। ऐसे में वे भूखंड और मकान को फ्री होल्ड नहीं करवा पा रहे हैं। नामांतरण रुके हैं। बैंक लोन नहीं दे रहे हैं।
चुनाव बहिष्कार की दी थी चेतावनी
स्थानीय जनों ने भूखंडों से सीलिंग शब्द हटवाने के लिए लंबा आंदोलन किया है। सभी कॉलोनियों में लोगों ने अपने घर के गेट में चुनाव के बहिष्कार की तख्तियां लगाकर चेतावनी दी थी। यह विषय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा था। क्षेत्रीयजनों ने उन्हें एक ज्ञापन दिया था। इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को लोगों की समस्या के निदान के लिए कहा था। यह प्रक्रिया शुरू भी हुई लेकिन अब आचार संहिता लागू होने से अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
तेज हो प्रक्रिया
यह समस्या किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि 25 हजार परिवार इससे जुड़े हैं। जब निराकरण की प्रक्रिया शुरू हुई थी तो इसमें देरी क्यों की जा रही है। जब तक खसरों से सीलिंग शब्द नहीं हटता, हमें राहत नहीं मिल सकती है।- विनोद दुबे, स्नेह नगर
पहले कहा गया कि जल्द ही इन प्रकरणों का निपटारा कर दिया जाएगा। मगर अभी तक किसी एक प्रकरण में सीलिंग शब्द नहीं हटा। हम कब तक जिला प्रशासन और जेडीए के दफ्तरों के चक्कर काटे।-दिलीप नेमा, स्नेह नगर लिंक रोड
हमने तो तय किया था कि यदि प्रशासन कोई राहत नहीं देता है तो विधानसभा और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे। मगर प्रशासन की तरफ से आश्वस्त किया गया था कि इसमें राहत दी जाएगी, मगर वह मिली नहीं।-बीएस स्वर्णकार, वृंदावन उद्यान विजय नगर
कोई हमारी सुन नहीं रहा है। सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं। यह प्रक्रिया कठिन नहीं है। बस एक ऑर्डर में खसरों से सीलिंग शब्द हट सकता है। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ ही जेडीए को ध्यान देना होगा।-जेके तिवारी, विकास नगर