गैंगरेप के बाद उम्र छिपाने का अपराध गम्भीर, सजा नहीं होगी निलंबित
हाईकोर्ट ने खारिज की अर्जी
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने गैंगरेप के संगीन अपराध में सजा काट रहे अपराधी की सजा निलंबित कर जमानत देने से इनकार कर दिया। जस्टिस जेपी गुप्ता की सिंगल बेंच ने आरोपी की सजा माफी के साथ जमानत की अर्जी निरस्त कर दी। कोर्ट ने उसे भविष्य में आवेदन दायर करने की छूट दी। छतरपुर निवासी सजायाफ्ता मुजरिम लल्लू कोंडर की ओर से अंतरिम आवेदन पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैनल लॉयर प्रदीप गुप्ता ने अर्जी का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मामले के सह अभियुक्त राजेश की सजा माफ की जा चुकी है। इसी आधार पर आवेदक भी सजा माफी चाहता है। जबकि पुलिस के पास उसके खिलाफ अधिक पुख्ता सबूत हैं। इसीलिये उसे ट्रायल कोर्ट से सजा सुनाई गई। एक अन्य बिंदु यह भी है कि आवेदक ने पूर्व में स्वयं को अवयस्क साबित करने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया था। जिनकी पोल खुलने के बाद कोर्ट ने सख्ती बरती। तर्क से सहमत होकर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।
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