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मप्र के जंगल की कटाई में Pushpa Syndicate, चल रहा माफिया का गठजोड़

हाईकोर्ट की लार्जर बेंच की फटकार के बाद क्रियान्वयन पर युगलपीठ कर रही सुनवाई, अब मांगी स्टेट्स रिपोर्ट

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Pushpa Syndicate

Pushpa Syndicate

  • हाईकोर्ट की लार्जर बेंच की फटकार के बाद क्रियान्वयन पर युगलपीठ कर रही सुनवाई, अब मांगी स्टेट्स रिपोर्ट

Pushpa Syndicate : प्रदेश में 53 प्रजातियों के पेड़ों की कटाई और परिवहन को मिली छूट के एक दशक पुराने सरकार के नोटिफिकेशन को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की लॉर्जर बेंच के निरस्त किए जाने के बाद क्रियान्वयन पर सुनवाई युगलपीठ कर रही है। जिसने सरकार से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। मामले की सुनवाई अप्रेल के पहले सप्ताह में होगी।

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Pushpa Syndicate : यह है मामला

दरअसल, इस संबंध में दायर याचिका को इंदौर बेंच ने खारिज कर दिया था। उक्त आदेश की वैधानिकता पर सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में लार्जर बेंच का गठन किया गया था। इसपर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत, जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा 2015 में जारी किए गए नोटिफिकेशन पर हैरानी जताई।

Pushpa Syndicate : तत्काल प्रभाव से लागू की जाए

लार्जर बेंच ने विवादित अधिसूचना तथा उसमें किये गये संशोधन को निरस्त करने का आदेश पारित करते हुए निर्देश दिए कि ट्रांजिट पास नियम 2000 में छूट प्राप्त सभी पेड़ों की प्रजातियों पर तत्काल प्रभाव से लागू की जाए। 10 दिनों की अवधि में छूट प्राप्त प्रजातियों के वन उपज और लकड़ी के संबंध में ट्रांजिट पास के लिए आवश्यक रूप से आवेदन किया जाएगा। आवेदन होने पर 30 दिनों तक एजेंसियां बलपूर्वक कार्रवाई नहीं करेंगी। इसके बाद इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। बेंच ने यह भी कहा था कि प्रदेश में माफिया का गठजोड़ के साथ पुष्पा राज जैसा सिंडिकेट चल रहा है।

Pushpa Syndicate : पेश करो स्टेटस रिपोर्ट

मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 53 प्रजाति के वृक्षों के मामले में स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को इसके लिए अप्रेल के प्रथम सप्ताह तक का समय दिया। दरअसल, हाईकोर्ट की लार्जर बेंच ने इस अधिसूचना को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। डिवीजन बेंच ने लार्जर बेंच के आदेश के क्रियान्वयन के संबंध में कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है।