[typography_font:14pt;” >जबलपुर से चलने वाली विशेष ट्रेनों को भी नहीं मिल रहे यात्री जबलपुर . कोरोना संक्रमण के कारण नियमित ट्रेनों का संचालन बंद है। सौ जोड़ी विशेष ट्रेनों का संचालन तो शुरू किया गया है, लेकिन सामान्य दिनों की अपेक्षा यात्रियों की संख्या काफी कम है। ट्रेनों का संचालन शुरू होने पर जून में तो लोग अपने घरों को गए। जिस कारण ग्राफ अच्छा रहा, लेकिन दूसरे माह यानी जुलाई में यात्रियों का ग्राफ बुरी तरह से गिर गया है। जबलपुर रेलवे मंडल में इस साल जनवरी के मुकाबले जुलाई माह में रेलवे को 52 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।यात्रियों की संख्यामाह-सामान्य श्रेणी-रिजर्वेशनजनवरी-34.20 लाख-7.31 लाखफरवरी-34 लाख- 4.31 लाखमार्च-23 लाख-2.87 लाखजून- 00-30 लाखजुलाई-00-01 लाखऐसे गिरता गया ग्राफजनवरी में तकरीबन साढ़े 41 लाख यात्रियों ने ट्रेनों में सफर किया था। जिनसे 56 करोड़ रुपए की आय रेलवे को हुई थी। फरवरी में यात्रियों का ग्राफ गिरा और यह साढ़े 38 लाख पर पहुंच गया। इस माह में रेलवे को 56 करोड़ का राजस्व मिला। मार्च में एकाएक यात्रियों की ग्राफ गिरा और वह 26 लाख पर पहुंच गया। इस माह रेलवे को 26 करोड़ रुपए का राजस्व यात्री ट्रेनों से मिला। अप्रेल और मई में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद था।आय का गणितमाह-सामान्य श्रेणी-रिजर्वेशनजनवरी-19 करोड़-37 करोड़फरवरी–20 करोड़-36 करोड़मार्च-14.42 करोड़-11.50 करोड़जून-00- 32 करोड़जुलाई-00- 04 करोड़ रुपए(नोट-आय रुपए में )तीस लाख और फिर एक लाखजून में ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ, तो यात्रियों का ग्राफ एकाएक बढ़ा। दूसरे शहरो में रहने वाले मजदूर, श्रमिक और छात्र छात्राओं समेत अन्य अपने घरों को लौटे। इस माह रेल से 30 लाख यात्रियों ने सफर किया। जिनसे रेलवे को 31 करोड़ रुपए की आय हुई। जुलाई में यात्रियों का ग्राफ गिरकर एक लाख पर पहुुंच गया और इस माह केवल चार करोड़ रुपए ही यात्री ट्रेनों से राजस्व प्राप्त हो सका।दो ट्रेनों का संचालन, उसमें भी यात्री कममुख्य रेलवे स्टेशन से जबलपुर-भोपाल-जबलपुर जनशताब्दी एक्सप्रेस और जबलपुर-हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर गोंडवाना एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है। लेकिन इन ट्रेनों को भी यात्री नहीं मिल रहे हैं। दोनों ट्रेने आधे से ज्यादा खाली रवाना होती है।वर्जनयात्री ट्रेनों के संचालन न होने से राजस्व में कमी आई है। मालगाडिय़ों का संचालन किया जा रहा है। स्थिति सामान्य होने पर राजस्व फिर से पूर्व की तरह होने की उम्मीद है।देवेश सोनी, डीसीएम, रेल मंडल जबलपुर