scriptकोरोना मरीजों की सेवा में कर दिया दिन-रात एक | recalls memories of duty in Kovid isolation ward at Medical College | Patrika News

कोरोना मरीजों की सेवा में कर दिया दिन-रात एक

locationजबलपुरPublished: Mar 08, 2021 10:27:30 pm

Submitted by:

shyam bihari

नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में कोविड आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी की यादें कीं ताजा
 

233 coronavirus new cases in rajasthan

छत्तीसगढ़ में अचानक सामने आए कोरोना संक्रमण के 214 नए मरीज, दुर्ग में मिले सर्वाधिक मरीज

जबलपुर। कोरोना की वजह से जबह जबलपुर शहर में भयावह स्थिति थी, तब गम्भीर संक्रमितों का नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में उपचार किया जा रहा था। हालात बिगड़ रहे थे, कोविड आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी की कॉल आते ही कर्मचारी भयभीत हो जाते थे। तब कॉलेज की नर्सिंग (महिला) स्टाफ ने हौसला नहीं खोया। प्रवीणा सूर्यवंशी जैसी नर्सिंग ऑफिसर ने मिसाल पेश की। उनकी स्वयं की एंजियोप्लास्टी हो चुकी है। अर्थराइटिस से पीडि़त हैं। पिछले साल अगस्त माह में कोविड आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी के कुछ दिन बाद से सेहत खराब थी। दोनों पैर में सूजन थी। डॉक्टर ने आराम की सलाह दी। लेकिन दो दिन बाद ही फिर से वार्ड नंबर-12 की ड्यूटी आयी। उस वक्त पिछले साल कोरोना पीक पर था। मरीजों की हालत देखकर प्रवीणा अपना दर्द भूल गई। घर पर 73 वर्षीय बुजुर्ग मां थी। उनकी जिम्मेदारी प्रवीणा के पति ने सम्भाली और पैरों में असहनीय दर्द होने के बावजूद वह मरीजों की सेवा में जुटी रहीं।
मरीजों की देखभाल करते हुए कोरोना उन्हें भी जकड़ लिया। यह कठिन समय था। क्योंकि दो बार 22-22 दिन क्वारंटीन रहने के कारण न तो वे अपनी मां की देखभाल कर पा रही थीं और न पति से मिल पाती थी। बकौल प्रवीणा उनके पिता आर्मी से थे। उनसे शुरु से ही जीवन में कठिन परिस्थिति में चुनौती को स्वीकार करना सीखा था। इस जज्बे ने कोरोना योद्धा बना दिया।
मेडिकल अस्पताल में स्टाफ नर्स गीता वर्मा उन कोरोना योद्धाओं में शामिल है, जो संक्रमितों की सेवा करते हुए संक्रमण की जकड़ में आए। स्वस्थ्य हुुए तो फिर से कोरोना मरीज की सेवा में लग गए। गीता पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के शुरुआती काल से कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही थीं। जब पहली बार ड्यूटी पर आयी तो अपनी दूधमुंही बच्ची से 22 दिन तक दूर रहीं। कठिन समय तब आया जब वे कोविड वार्ड में ड्यूटी करते हुए संक्रमित हुईं। उनके साथ वार्ड में मरीजों की सेवा करने वाली साथी सिस्टम सीमा विनीत कोरोना से जिंदगी हार गई। तब गीता काफी टूट गई। परिजनों और साथी स्टाफ ने हौसला बढ़ाया। उसके बाद कोरोना को मात दिया, लेकिन आइसोलेशन के दौरान कई अनुभव ऐसे हुए कि उन्होंने स्वस्थ्य होने के बाद कोरोना मरीजों की सेवा को मिशन बना लिया। वे फिर से कोविड वार्ड में ड्यूटी के लिए गई। इस बार वे पहले से ज्यादा मजबूत थीं। जब परिजन कोरोना मरीज के पास तक नहीं जा सकते थे, उन्होंने परिवार के सदस्य के तरह उनकी देखभाल की।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो