
Mp High Court Jabalpur
जबलपुर. MP हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और जबलपुर केंट बोर्ड से पूछा कि बोर्ड में हिन्दी की अपेक्षा अंग्रेजी में कामकाज क्यों किया जा रहा है? चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगल बेंच ने केंद्र सरकार, केंट बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ को नोटिस जारी कर सभी से कोर्ट ने जवाब मांगा।
जबलपुर केंट बोर्ड के पूर्व पार्षद अमरचंद बावरिया की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधीन समस्त कार्यालयों में हिन्दी में कामकाज होना चाहिए। अधिवक्ता आर पी कनौजिया ने कोर्ट को बताया कि इसके बावजूद केंट बोर्ड जबलपुर में सभी काम अंग्रेजी भाषा में किए जा रहे हैं। तर्क दिया कि केंट क्षेत्र में अधिकतर नागरिक मजदूर, किसान और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले है। इनमें से अधिकतर अंग्रेजी से अनजान हैं। इसके बाद भी केंट बोर्ड की सभाओं का एजेंडा अंग्रेजी में दिया जाता है।
सभा की कार्रवाई का विवरण भी अंग्रेजी में लिखा जाता है। हद तो यह है कि शिकायत दर्ज करने के लिए बनाया गया पोर्टल भी अंग्रेजी में बनाया गया है। आग्रह किया गया कि केंट बोर्ड के कामकाज में हिन्दी भाषा को प्राथमिकता दी जाए। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। केंट बोर्ड का पक्ष अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने रखा।
Published on:
17 Nov 2021 05:00 am
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