scriptकोरोना मरीजों से लूट: 2200 रुपए का इंजेक्शन 5400 रुपए में भी नहीं मिल रहा | remdesivir injection cost high in mp, covid 19 treatment price | Patrika News
जबलपुर

कोरोना मरीजों से लूट: 2200 रुपए का इंजेक्शन 5400 रुपए में भी नहीं मिल रहा

प्रशासन की निगरानी के बावजूद मुनाफाखोरीस्टॉकिस्ट से अस्पताल पहुंचते तक दोगुनी हो रही रेमडेसीविर इंजेक्शन की कीमत, परिजन हो रहे परेशान

जबलपुरApr 22, 2021 / 10:19 am

Lalit kostha

remdesivir injection uses on medical experts

remdesivir injection

जबलपुर। जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे गम्भीर कोरोना मरीजों से भी लूट हो रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की आड़ में इसकी मरीजों से मनमानी कीमत वसूली जा रही है। स्टॉकिस्ट से निजी अस्पताल पहुंचने तक इंजेक्शन की कीमत उसके अंकित मूल्य से दोगुनी हो रही है। प्रशासन की निगरानी में इंजेक्शन की व्यवस्था होने के बावजूद खुलेआम मुनाफाखोरी हो रही है। 22 सौ रुपए के अंकित मूल्य वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन के निजी अस्पताल कम से कम 54 सौ रुपए वसूल रहे हैं।

कई गुना वसूली
इंजेक्शन की मांग बढऩे पर इसकी थोक दुकानों से सीधे कोरोना मरीज के नाम पर अस्पतालों को आपूर्ति की जा रही है। इससे फुटकर दुकानों से बिक्री का कमीशन भी नहीं लग रहा है। जानकारों ने बताया कि कोरोना से पहले अंकित मूल्य से कम कीमत पर खुले बाजार में यह इंजेक्शन उपलब्ध था। अब सीधे स्टॉकिस्ट बेच रहे हैं। लेकिन इससे मरीजो को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। उल्टा निर्धारित मूल्य के दोगुने और उससे भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। अलग-अलग कंपनी के इंजेक्शन में मुनाफा की दर में भी कमीशनबाजी के कारण काफी अंतर आ रहा है।

 

remdesivir_1.png

हर स्तर पर कमीशन से बढ़ रही कीमत
कोरोना इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन ने कई चेक प्वाइंट लगाए हैं। इससे इंजेक्शन मिलने की प्रक्रिया कठिन होने के साथ ही उसकी कीमत भी बढ़ गई है। कोरोना मरीजों के परिजन के अनुसार स्टॉकिस्ट 22 सौ रुपए का रेमडेसीविर इंजेक्शन 34 सौ रुपए में निजी अस्पतालों को दे रहे हैं। इसे अस्पताल मरीजों को 54 सौ रुपए में बेच रहे हैं। गम्भीर मरीजों को यदि इंजेक्शन की ज्यादा आवश्यकता है तो तीन से चार गुना तक कीमत बढ़ाकर दे रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी से लेकर ड्रग इंसपेक्टर की निगरानी के बावजूद रेमडेसीविर में मुनाफाखोरी का खेल खुलेआम चल रहा है।

चस्पा हो मरीज के नाम के साथ इंजेक्शन सूची
जानकारों के अनुसार कोरोना मरीज की हालत और जरूरत का परीक्षण और जांच रिपोर्ट के सत्यापन के बाद संबंधित अस्पताल जहां वह भर्ती है, को रेमडेसीविर इंजेक्शन पहुंचाने का प्रशासन का दावा है। इसकी सूचना भी जारी की जा रही है कि किस अस्पताल को कितने इंजेक्शन जारी हुए। लेकिन मरीज और उसके परिजन को यह पता नहीं चल पाता है, उस कोटे में उसका इंजेक्शन भी शामिल है या नहीं। इसकी सुविधा के लिए प्रतिदिन अस्पतालों को आवंटित इंजेक्शन के साथ उन मरीजों के नाम की सूची भी सार्वजनिक करना चाहिए, जिसके एवज में अस्पताल को इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। प्रत्येक कोविड अस्पताल को प्रतिदिन के आवंटन में मरीजों के नाम के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन की मात्रा का उललेख करते हुए सूची भी वहां चस्पा होना चाहिए।

बिल नहीं दे रहे, अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे
इंजेक्शन के बिल में भी खेल किया जा रहा है। ज्यादातर निजी अस्पताल रेमडेसिविर इंजेक्शन की मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। लेकिन रेमडेसिविर इंजेक्शन का बिल नहीं दे रहे हैं। इससे पीडि़त शिकायत नहीं कर पा रहे है। प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लिखित शिकायत और बिल ना होने की आड़ लेकर निजी अस्पतालों में कार्रवाई को लेकर हाथ बांधे बैठे हैं।

Home / Jabalpur / कोरोना मरीजों से लूट: 2200 रुपए का इंजेक्शन 5400 रुपए में भी नहीं मिल रहा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो