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शहर, जनता की किसे चिंता, आपके माननीय तो मोबाइल पर व्यस्त हैं…

गुरुवार को सदन में चल रही थी गंभीर मुद्दों और जन समस्याओं, विकास पर चर्चा, मोबाइल पर शॉपिंग एप और रील्स देखते रहे पार्षद और अधिकारी

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responsible leaders

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  • गुरुवार को सदन में चल रही थी गंभीर मुद्दों और जन समस्याओं, विकास पर चर्चा, मोबाइल पर शॉपिंग एप और रील्स देखते रहे पार्षद और अधिकारी
  • सत्ता और विपक्ष दोनों ही दलों के अधिकतर पार्षद मोबाइल पर रहे व्यस्त, अधिकारियों ने भी नहीं कार्रवाई में ली रुचि लगे रहे मोबाइल पर

responsible leaders : सदन चाहे लोकसभा को हो, विधानसभा का हो या फिर स्थानीय नगर निगम या परिषद का। ये ऐसे स्थान होते हैं, जहां जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं, मुद्दों और अन्य बातों को प्रमुखता से पटल पर रखकर उनके समाधान व विकास कार्यों के लिए अपनी बात कहते हैं। किंतु सदन पहुंचकर ये जनता के नेता असल मुद्दों को भूल जाते हैं। एक ओर जहां बहस चल रही होती है, वहीं दूसरी ओर ये मोबाइल पर व्यस्त रहते हैं। गुरुवार को हुई साधारण सभा की बैठक में भी कुछ ऐसे ही नजारे देखने मिले। जहां वार्ड की समस्याओं, विकास कार्यों और जनता के मुद्दों को छोडकऱ अधिकतर पार्षद व अधिकारी मोबाइल देखने में व्यस्त रहे।

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responsible leaders : रील्स और शॉपिंग एप देखते रहे पार्षद

साधारण सभा की बैठक में महापौर, एमआईसी और विपक्ष के बीच डोर टू डोर कचरा संग्रहण को लेकर जोरदार बहस हो रही थी। दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर हावी होने एड़ी चोटी का जोर लगा रहे थे। वहीं पीछे की लाइनों में बैठे दोनों दलों के पार्षद मोबाइल पर गेम खेलने, शॉपिंग एप पर खरीदी करने तथा रील्स देखने में मस्त रहे। कुछ पार्षद तो एसी की हवा में आराम से सोते नजर आए। अधिकारियों में भी सदन की कार्रवाई को लेकर गंभीरता नहीं दिखी। वे भी हैडफोन लगाकर गाने सुनते रहे या फिर अपने परिवार के साथ गपशप में लगे थे।

responsible leaders : पत्रिका ने लाइव देखी गंभीरता

शहर व जनहित के मुद्दो को लेकर बुलाई गई साधारण सभा की बैठक में शहर के पार्षद कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अधिकतर पार्षद औपचारिकता पूरी करने सदन पहुंचे और चुपचाप बैठे रहे या आपस में बातें करते रहे। पत्रिका ने इनकी गंभीरता को लाइव देखा और तस्वीरें भी लीं।