पीएससी प्रारम्भिक परीक्षा के रिजल्ट हाइकोर्ट के निर्णय के अधीन
राज्य सरकार व एमपीपीएससी से जवाब-तलब

जबलपुर. हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी प्रारम्भिक परीक्षा के रिजल्ट को कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन रखने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार व एमपीपीएससी से मामले पर जवाब-तलब किया। अगली सुनवाई चार फरवरी को होगी।
संगठन अपाक्स एवं अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि पीएससी की प्रारम्भिक परीक्षा 2019 के रिजल्ट तैयार करते समय आरक्षण के प्रावधानों का पालन नहीं किया गया। परीक्षा परिणाम तैयार करते समय सिविल सेवा नियम 2015 के प्रावधानों को भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर दिया है, जो असंवैधानिक है। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, रामेश्वर पी. सिंह व विनायक शाह ने तर्क दिया कि आरक्षण के प्रावधान सही तरीके से लागू नहीं किए जाने से 45 हजार आवेदकों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है। ओबीसी और अन्य आरक्षित वर्ग के मेरिट में आने वाले आवेदकों को अनारक्षित वर्ग में शामिल नहीं किया गया है। इससे अनारक्षित और ओबीसी के कट ऑफ मॉक्र्स 104-104 हो गए हैं। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली उपस्थित हुए।
अब पाइए अपने शहर ( Jabalpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज