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ग्वारीघाट में नाबालिग करा रहे नौका विहार, प्रशासन की बड़ी अनदेखी, देखें वीडियो

मनमानी : ग्वारीघाट में ठेकेदार उड़ा रहा नियमो ́ की धज्जियां , कम उम्र के बच्चे रात के अंधेरे मे चला रहे नाव

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sailing in gwarighat

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गौरव दुबे @ जबलपुर

यदि आप रात को ग्वारीघाट जाते हैं और नौका विहार करते हैं तो सावधान हो जाइए। यह अनदेखी अपकी जान पर भारी पड़ सकती है। दरअसल सूर्यास्त के बाद घाट पर नाव का संचालन गैरकानूनी है। एक ओर जहां इस नियम की धज्जियां उड़ रही हैं तो वहीं नाबालिग भी नाव चला रहे हैं। यह कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। पत्रिका एक्सपोज रिपोर्टर ने शनिवार रात ग्वारीघाट में ठेकेदार के इशारे पर हो रही मनमानी को कैमरे में कैद किया। रिपोर्टर द्वारा निर्धारित समय के बाद घाट पर नाव में घूमने की इच्छा जताई गई। यह सुनकर कुछ बच्चे नाव लेकर आ गए। जिसके बाद नाव में बैठकर करीब २० मिनट तक सैर कराई गई, हालांकि इस दौरान किसी ने भी रोका-टोका नहीं। तय समय सीमा के बाद घाट पर करीब एक दर्जन नावें चलती मिलीं।

ग्वारीघाट में नाव के संचालन का ठेका किशन लाल मल्लाह के पास है। ठेकेदार द्वारा ठेका शर्तों की अनदेखी कर मनमानी कमाई की जा रही है। हैरत की बात यह है कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी मूक बने हुए हैं। न तो नगर निगम इस ओर ध्यान दे रहा है और न ही पुलिस ठेकेदार पर नकेल कस रही है। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों से साठगंाठ के चलते ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं हो रही है।

मनमाने शुल्क की वसूली

यहां आने वाले लोगों से नाव वाले मनमाना शुल्क वसूल कर रहे हैं। नगर निगम द्वारा नाव के लिए प्रति सवारी दर तय की गई है। ग्वारीघाट में ठेके की निगमरानी का काम रामपुर जोन कार्यालय पर है। नाविक नर्मदा घाट पहुंचने वाले लोगों से ५०-१०० रुपए प्रति सवारी वसूल कर रहे हैं। इस मनमानी को रोकने के लिए आज तक जिम्मेदार अधिकारी यहां पर किराया सूची तक नहीं लगवा सके हैं।

150 से अधिक नाव

नगर निगम ने मां रेवा सेवा नाविक समिति को केवल 50 नाव के संचालन की अनुमति दी है। हालांकि,जिलहरी घाट, उमाघाट, नावघाट व दरोगाघाट तक लगभग 150 नाव का संचालन हो रहा है। निगम प्रशासन ने निजी उपयोग में आने वाली नाव के लिए हरी और व्यवसायिक नाव में पीली पट्टी का होना निर्धारित किया है।

चार नाव में लगी है मोटर

व्यवसायिक नाव में मोटर मशीन लगाकर चलाया जाता है। इसके लिए दो-दो नाव को जोडक़र उसमें मोटर लगाई गई है। बताया जाता है कि व्यवसायिक नाव के संचालन में भी मनमानी की जा रही है। जानकारों के मुताबिक मोटर मशीन लगाने की अनुमति निगम प्रशासन ने नहीं दी है। उक्त नावों से देर रात तक लोगों व वाहनों को एक छोर से दूसरी तरफ ले जाया जाता है।

एक नजर

नाव के माध्यम से नर्मदा के बीच बने द्वीपों पर जाना पूर्णत: प्रतिबंधित है, लेकिन नाविक प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी नाव ले जा रहे हैं।
नौका संचालन का समय प्रात: सूर्योदय से सूर्यास्त तक है, लेकिन नियम का भी पालन नहीं हो रहा।

नाविकों को नगर निगम में पंजीयन कराना आवश्यक है साथ ही नाव संचालन का लाइसेंस जरुरी है। इसके लिए नगर निगम नाविक का स्वास्थ्य परीक्षण कराएगा।

नाविक की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। हालांकि ग्वारीघाट में कम उम्र के बच्चे नाव चला रहे हैं।

नाविकों से बातचीत के अंश

पहला नाबालिग
नाव में घुमा दोगे?

हां,कहा तक चलना है।

बस मंदिर की परिक्रमा लगवा देना?

लगवा देंगे, बैठ जाओ।

कितने रुपए लगेंगे?

50 रुपए एक व्यक्ति का लगता है।

बहुत ज्यादा है ये तो कुछ कम नहीं करोगे?

टापू नहीं चलना है तो चालीस रुपए दे देना।

नाव चलना शुरू हुई...।

अभी समय कितना हुआ है?
10 बज चुका है।

हाथ में घड़ी भी नहीं पहने हो कैसे पता?
रात 10 बजे मंदिर की आरती शुरू हो जाती है।

रात में कब तक नाव चलती है?
10.30 से 11 बजे तक तो चलती है।

तुम्हारी उम्र क्या है?
अभी 15 साल का हूं।

ठेकेदार मना नहीं करता नाव चलाने से ?
उसको सिर्फ पैसे से मतलब होता है। पैसे दे देते हैं।

दूसरा नाबालिग

कितनी उम्र है तुम्हारी?
अभी 12 वर्ष का हूं।

नाव कब से चला रहे हो?
कुछ समय हो गया है।

नाव चलाने से कोई रोकता नहीं?
कोई कुछ नहीं बोलता।

तीसरा नाबालिग

नाव में घुमा दोगे?
हां, बैठ जाइए।

तुमसे नाव चलाते बन जाएगी?
हां-हां बनती है।

किस कक्षा में पड़ते हो?
आठवी कक्षा में पड़ता हूं।

नाव चलाने से कोई रोकता नहीं?
कोई कुछ नहीं बोलता।


जिम्मेदार बोले

मेरे को इस मामले की जानकारी नहीं है। यदि बच्चे नाव चला रहे हैं तो यह गंभीर विषय है। इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शैलेन्द्र मिश्रा, जोन प्रभारी, रामपुर

सूर्यास्त के बाद तो नाव का संचालन अवैध है। यदि एेसा हो रहा है तो मैं आज ही जाकर देखूंगी। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
मनीषा वासकले, एसडीएम, गोरखपुर

बच्चों से नाव मैं नहीं चलवाता हूं। घाट पर अवैध रूप से नाव चल रही है। अधिकारियों से कहा है, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
किशन लाल मल्लाह, ठेकेदार