
santan saptmi muhurt vrat katha puja vidhi in hindi
जबलपुर। सोमवार को भाद्रपद शुक्ल सप्तमी पर संतान सप्तमी पर्व मनाया जा रहा है। पौराणिक मतानुसार श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को संतान सप्तमी का महात्म समझाया था इससे पूर्व लोमश ऋषि नें यह ज्ञान माता देवकी को दिया था। शास्त्रनुसार संतान सप्तमी का पूजन भगवान शंकर व माता गौरी के निमित किया जाता है। संतान सप्तमी के व्रत व पूजन में गौरी-शंकर के पूजन उपरांत संतान रक्षा की कामना करते हुए शिवलिंग पर मौली बांधकर पूजन के बाद इसे स्वयं धारण किया जाता है। संतान सप्तमी के व्रत-पूजन व उपायों से संतान की प्राप्ति होती है। संतान को सुरक्षा मिलती है तथा संतान को उन्नति मिलती है।
विशेष पूजन: किसी शिवालय में गौरी-शंकर की विधिवत पूजा करें। गौघ्रत का दीप करें, चंदन धूप करें, चंदन व अक्षत चढ़ाएं। सुपारी व नारियल भेंट कर नैवेध में खीर पूड़ी का भोग दें। शिवलिंग पर मौली चढ़ाएं व 1 माला यह विशिष्ट मंत्र जपें। पूजा के बाद मौली अपनी कलाई पर बंधवाए व नैवेध को प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:45 से प्रातः 10:35 तक। अथवा शाम 18:45 से शाम 19:35 तक।
पूजन मंत्र: ह्री शिव-शक्त्यै नमः ह्रीं।
महूर्त विशेष
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:56 से दिन 12:46 तक।
अमृत काल: प्रत 10:29 से दिन 12:14 तक।
यात्रा महूर्त: दिशाशूल - पूर्व। राहुकाल वास - वायव्य। अतः पूर्व व वायव्य दिशा की यात्रा टालें।
आज का शुभफल
शुभ कलर: श्वेत।
शुभ दिशा: दक्षिण-पूर्व।
शुभ टाइम: शाम 15:35 से शाम 16:25 तक।
शुभ मंत्र: ॐ सर्वशुभङ्कराय नमः शिवाय॥
शुभ टिप: धन प्राप्ति के लिए शिवलिंग पर फलों का रस चढ़ाएं।
शुभ फॉर बर्थडे: अशुभ को समाप्त करने के लिए सफ़ेद शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
शुभ फॉर एनिवर्सरी: जीवनसाथी संग किसी शिवालय में चावल दान करने से गृहक्लेश मिटेगा।
Published on:
28 Aug 2017 08:16 am
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